तंत्रिका शल्य चिकित्सा
परिचय
(विषय के बारे में जानकारी देने वाले - डॉ. ए सूरी, डॉ. मनमोहन सिंह, डॉ. सचिन बोरकर)
न्यूरोसर्जरी विभाग मार्च 1965 में छोटे पैमाने पर शुरू किया गया और इसमें केवल दो फैकल्टी सदस्य तथा कुछेक बेड थे। लेकिन प्रो. पी. एन. टंडन और प्रो. ए. के. बनर्जी के समर्पित प्रयासों और ईमानदारी के परिणामस्वरूप 1967 में एम. सीएच प्रोग्राम शुरू किया जा सका और डॉ. ब्रहम प्रकाश एम. सी एच छात्र के रुप में यहां आए। पिछले 45 वर्षों में विभाग ने 140 न्यूरोसर्जनों को प्रशिक्षण दिया है और लंबी दूरी तय की है। यहां पर दिया जाने वाला प्रशिक्षण देश में उत्कृष्ट माना जाता है, जैसा कि स्वतंत्र आकलन प्रणाली द्वारा मूल्यांकन किया गया है।
यह विभाग भारत में न्यूरोसर्जिकल रोगी देखभाल का मक्का है। यह समय समय पर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और उपकरणों से सुजज्जित की जाती है जैसे ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप, लेज़र, सीयूएसए, अल्ट्रासाउंड, इंटरा ऑपरेटिव एमआरआई, गामा नाइफ और इमेज गाइडेंस सिस्टम इत्यादि जो कि विश्व में कहीं पर भी स्थित उत्कृष्ट न्यूरोलॉजीकल सेंटरों के समकक्ष अत्याधुनिक देखभाल प्रदान करने हेतु आवश्यक है। 1965 में स्तरीय प्रारंभ के दौरान, केवल 50 रोगियों का ऑपेरशन किया गया, आज हम एम्स में वार्षिक रूप से लगभग 3000 ऑपरेशन करते हैं। 2007 में ट्रॉमा सेंटर जहां पर सभी प्रकार के क्रेनियो � स्पाइनल ट्रॉमा के मामले देखें जाते हैं, के शुरू होने से हमारा विभाग वर्ष में अतिरिक्त 1500 ट्रॉमा केसों में भी ऑपरेशन करता है। यहां पर वर्ष में गामा नाइफ रेडियोसर्जरी से लगभग अतिरिक्त 250 रोगियों का उपचार किया जाता है (आज की तिथि तक कुल संख्या 3000)।
विभाग अनुसंधान और शैक्षिक कार्यकलापों में सदैव अग्रणी रहा है। यहां पर साक्ष्य आधारित नैदानिक पद्धति और प्रयोगशाला आधारित कार्य पर शोध हुए हैं। इसमें हेड इंजरी न्यूरोट्यूबरकुलोसिस ग्लीयोमा, पिट्यूटरी ट्यूमर्स पेरीफेरल नर्व और ब्रेकियल प्लेक्सस इंजरी तथा इंटराक्रेनियल एन्यूरीज्म्स पर क्लिनिको � पैथोलॉजीकल रिसर्च शामिल है। प्रयोगशाला आधारित अध्ययनों में निम्न शामिल हैं (क) डीएसटी द्वारा न्यूरल ट्रांसप्लांट को राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया गया (1984-1990), (ख) डायग्नास्टिक और प्रोग्नास्टिक टूल के रूप में संभावना उत्पन्न की, (ग) ग्लीयोमा के जेनेटिक और मॉलीक्यूलर पहलू का अध्ययन, (घ)ब्रेन ट्यूमर, माइनर हेड इंजरी और क्रेनियोस्टेनोसिस में एसपीईसीटी स्कैन के प्रयोग द्वारा सेरेब्रल रक्त प्रवाह का अध्ययन, (ड.)निकट इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी और (च)एम आर स्पेक्ट्रोस्कोपी इत्यादि। विभाग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर कई बहु केंद्रिक अध्ययनों में भाग लिया है।
तंत्रिका शल्य चिकित्सा ऑपरेशन की दर सूची
तंत्रिका शल्य चिकित्सा, एम्स के निर्माताओं की अनुभूतियां | |
प्रो. पी. एन. टंडन | |
प्रो. ए के बनर्जी |