प्रयोगशाला
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न्यूरोसर्जरी कौशल प्रशिक्षण सुविधा और प्रायोगिक प्रयोगशाला प्रायोगिक प्रयोगशाला
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में न्यूरोसर्जरी विभागद्वारा 1971 में प्रो. पी. एन. टंडन तथा प्रो. ए. के. बैनर्जी (मानद आचार्य, न्यूरोसर्जरी विभाग) के प्रयासों के माध्यम से ‘’प्रायोगिक सूक्ष्म तंत्रिका शल्य चिकित्सा प्रयोगशाला आरंभ की गई।
प्रशिक्षण प्रौद्योगिकी का विस्तार और सुधार करते हुए इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारत-जर्मन सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर-आईसीएमआर), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के समर्थन से तंत्रिका शल्य चिकित्सा कौशल प्रशिक्षण सुविधा और प्रायोगिक प्रयोगशाला का नया नाम देकर एक पूर्ण सज्जित प्रशिक्षण सुविधा बनाया गया जिसमें भारत और विदेश के एम.सीएच तथा डीएनबी न्यूरोसर्जरी रेजीडेंट और प्रशिक्षित / प्रशिक्षु न्यूरोसर्जरी कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
तंत्रिका शल्य चिकित्सा कौशल प्रशिक्षण सुविधा और प्रायोगिक प्रयोगशाला में आधुनिकतम उपकरण लगाए गए हैं, जो आधुनिक तंत्रिका शल्य चिकित्सा ऑपरेशन कक्ष परिवेश को प्रोत्साहन देता है। यहां दिया जाना वाला प्रशिक्षण तंत्रिका शल्य चिकित्सा कौशलों और तकनीकों के विकास पर लक्षित है।
तिमाही कार्यशालाओं, अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रमों और दैनिक कौशल प्रशिक्षण सत्रों के रूप में दिया जाने वाला प्रशिक्षण तंत्रिका शल्य चिकित्सा कौशल विकास की नई पाठ्यचर्या के सूत्रण पर केंद्रित है और इसमें सिंथेटिक / सेमी सिंथेटिक मॉडलों, जीवित बेहोश जंतुओं तथा मृत शरीर के भागों पर स्वयं अभ्यास का प्रशिक्षण दिया जाता है और इसमें उच्च उन्नत उपकरण और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से तंत्रिका शल्य चिकित्सा ऑपरेशन कक्ष का प्रवेश बन जाता है।