प्रशिक्षण
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अतिथि सदस्य / प्रशिक्षण
भारतीय एवं विदेशी उम्मीदवारों के लिए अल्पकालिक / दीर्घ कालिक प्रशिक्षण / अतिथि सदस्य हेतु दिशानिर्देश
(क)छ: महीने की अवधि तक अल्प कालिक प्रशिक्षण
उम्मीदवारों की सरकारी / स्वायत्त निकायों या संस्थानों / जन स्वास्थ्य क्षेत्र के संगठनों / एम सी आई द्वारा अनुमोदित मेडिकल कॉलेजों व सरकार / रक्षा सेवाओं के तत्वावधान में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
निजी प्रैक्टिशनरों को अल्पकालिक प्रशिक्षण को अनुमति नहीं दी जाएगी।
i) शुल्क : - (भारतीय नागरिकों) प्रशिक्षार्थियों से प्रति महीनें 1, 000/- रूपए और विदेशी राष्ट्र / नागरिकों से 200 यूएस के बराबर भारतीय रुपए में शुल्क वसूला जाएगा। बावजूद इसके केवल रक्षा सेवाओं के तत्वाधान में प्रशिक्षण लेने वाले उम्मीदवारों से शुल्क नहीं लिया जाएगा।
ii) एक तय समय पर दीर्घ कालिक / अल्प कालिक प्रशिक्षार्थियों की संख्या एक विशेष विभाग में मंजूर की गई संकाय संख्या के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
(ख) विदेशी उम्मीदवारों हेतु छ: महीनें तक अल्प कालिक प्रशिक्षण
विदेशी उम्मीदवारों को अल्प-कालिक प्रशिक्षण विदेशी सरकार/स्वायत्त निकायों / संबंधित कॉलेज/यूनिवर्सिटी/संस्थान अथवा अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत मान्यता प्राप्त संस्थानों के तत्वाधान में दिया जाए। संस्थान/भारत सरकार की तरफ से किसी भी प्रभार की वित्तीय बाध्यता नहीं होगी। प्रशिक्षार्थियों को आवास आदि नहीं दिया जाएगा। यदि विदेशी नागरिक प्रशिक्षण में हाथ आजमाना चाहते हैं तो एमसीआई का अनुमोदन आवश्यक है।
(ग) दीर्घ-कालिक प्रशिक्षण छ: महीने से दो वर्ष तक
प्रशिक्षार्थियों को यह प्रशिक्षण केवल भारत सरकार/अर्ध-सरकारी/स्वायत्त निकायों/संस्थानों/सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों/सार्वजनिक रक्षा सेवाओं के तत्वावधान में दिया जाएगा। दीर्घ-कालिक प्रशिक्षण की अनुमति निजी प्रैक्टिसनरों / को नहीं है।
स्नातकोत्तर अवधि एवं नियमित आधार पर कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
i) शुल्क : - (भारतीय नागरिकों) प्रशिक्षार्थियों से प्रतिमहा 1,000/- रुपए और विदेशी मुद्रा राष्ट्र। नागरिकों से 200 यूएस डॉलर के बराबर भारतीय रुपए में शुल्क लिया जाएगा। बावजूद इसके केवल रक्षा सेवाओं के तत्वाधान में प्रशिक्षण लेने वाले उम्मीदवरों से शुल्क नहीं लिया जाएगा।
ii) एक तय समय पर दीर्घ – कालिक / अल्प कालिक प्रशिक्षार्थियों की संख्या एक विशेष विभाग में मंजूर की गई संकाय संख्या के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
iii) विदेशी राष्ट्र/नागरिक, प्रशिक्षार्थियों को पर्यवेक्षक समझा जाएगा और उन्हें भारतीय चिकित्सा परिषद् की पूर्व अनुमति के बिना प्रशिक्षण देने की अनुमति नहीं होगी। यदि विदेशी उम्मीदवार प्रशिक्षण देना चाहता है तो उसे भारतीय चिकित्सा परिषद् से अनुमति लेना आवश्यक है।
अधिक जानकारी के लिए डीन/रजिस्टार, शैक्षिक अनुभगा – II, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, अंसारी नगर, नई दिल्ली – 110 029 से संपर्क करें।
न्यूरोसर्जरी में दक्षता प्रशिक्षण एवं प्रयोगात्मक प्रयोगशाला
प्रोफेसर ए. के. बनर्जी एवं प्रोफेसर पी.एन. टंडन (अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, न्यूरोसर्जरी विभाग) के प्रयासों से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के न्यूरोसर्जरी विभाग में 1971 में प्रयोगात्मक प्रयोगशाला की शुरूआत की गई।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) भारत जर्मन सहयोग, अनुसंधान विभाग (डीएचआरआईसीएमआर), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से एमएच और डीएनबी न्यूरोसर्जरी रेजीडेंट व भारत व विदेशों से न्यूरोसर्जन प्रशिक्षित / प्रशिक्षार्थियों के लिए न्यूरोसर्जरी दक्षता प्रशिक्षण एवं प्रयोगात्मक प्रयोगशाला नाम से प्रशिक्षण प्रयोगशाला का विस्तार व पुर्नरुद्धार कर पूर्णरूपेण प्रशिक्षण सुविधा में बदल दिया गया।
न्यूरोसर्जरी दक्षता प्रशिक्षण सुविधा व प्रयोगात्मक प्रयोगशाला नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है, जो आधुनिक न्यूरोसर्जरी ऑपरेशन कक्ष के अनुरूप है। प्रशिक्षण का उद्देश्य न्यूरोसर्जिकल दक्षता एवं तकनीक का विकास करना है।
न्यूरो सर्जिकल दक्षता विकास के लिए पाठ्यूक्रमों का प्रतिपादन और कृत्रिम / अर्ध कृत्रिम प्रतिरूपों, अचेत जीवित जानवरो व आधुनिकतम उपकरणों तथा न्यूरोसर्जिकल ऑपरेशन कक्ष वातावरण का निर्माण कर प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए शव अंगों पर काम करने को ध्यान में रखते हुए, तिमाही कार्यशालाओं, अल्प–कालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और दैनिक दक्षता प्रशिक्षण सत्रों के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है।