सामुदायिक नेत्र उपचार और अनुसंधान परियोजनाएं (चालू)
- Last Updated On :
सामुदायिक नेत्र उपचार और अनुसंधान परियोजनाएं (चालू)
अनुसंधान कार्यकलाप
यह विभाग राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीबी), भारत सरकार की सहायता से देश के 30 जिलों में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता सर्वेक्षण तथा 24 जिलों में राष्ट्रीय ट्रेकोमा सर्वेक्षण में संलग्न है। औसतन हर महीने एक जिले को राष्ट्रीय दृष्टिहीनता सर्वेक्षण के अधीन समाहित किया जा रहा है और प्रत्येक जिले में 50 वर्ष एवं उससे अधिक आयु वर्ग के 3,000 प्रतिभागियों के नमूने की गणना की गई तथा उनमें से जिले भर में 50 बस्तियों में फैले कम से कम 90 प्रतिशत प्रतिभागियों की जाँच की गई है। समाहित की जाने वाली प्रत्येक बस्ती का एक जीआईएस आधारित मानचित्र भी तैयार किया जा रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि राष्ट्रव्यापी तरीके से डायबिटीज (मधुमेह) की स्थिति एवं रोगियों की जाँच (हाल ही में निदान किए गए अथवा पहले से निदानकृत) डायबिटिक रेटिनोपैथी (मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी) की मौजूदगी के लिए की जा रही है। प्रत्येक सर्वेक्षण कार्य को सुगम बनाने एवं उसके सटीक मॉनीटर का कार्य उसके प्रारम्भ, मध्य एवं समापन के समय राजेन्द्र प्रसाद केंद्र के संकाय वर्ग द्वारा किया जाता है जिसके लिए 10-18 दिन लगातार फील्ड (क्षेत्र) कार्य करना होता है। किसी जिले में सर्वेक्षण कार्य करते समय इस बात पर बल दिया जाता है कि स्थानीय मेडिकल कालेजों अथवा नेत्र चिकित्सा विज्ञान से संबंधित प्रतिष्ठित नॉन प्रॉफिट (गैर-लाभकारी) केंद्रों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता सर्वेक्षण में 45,000 से अधिक प्रतिभागी जबकि राष्ट्रीय ट्रेकोमा सर्वेक्षण में 25,00 बच्चे, 55,000 वयस्क पंजीकृत किए गए हैं।
ऐतिहासिक रुप से सामुदायिक नेत्र चिकित्सा विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न दृष्टिहीनता सर्वेक्षणों, एलएसएच एंड टीएम के सहयोग से आयु से जुड़े रोगों पर इंडआई (आईएनडीईवाईई) एवं इंडजेन (आईएनडीजीईएन) अध्ययन एवं उसके आनुवंशिक घटक, लायन्स क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन के सहयोग से जनशक्ति एवं प्रबंधन प्रशिक्षण, ओआरबीआईएस के साथ प्रचालनात्मक अनुसंधान अध्ययन, नेत्र उपचार अवसंरचना का पारिस्थितिक मूल्याँकन, कार्निंयल ओपेसिटी रुरल एपीडीमिओलॉजिकल (कोर) अध्ययन, उत्तर भारत मायोपिया (दृष्टिदोष) अध्ययन (एनआईएमएस) प्राथमिक नेत्र उपचार में प्रशिक्षण कार्यक्रम में संलग्न रहा है। इस विभाग द्वारा आईएनडी-वीएफक्यू, देश में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के परिणामों के मूल्याँकन हेतु एक राष्ट्रीय निगरानी यूनिट, जैसे नवप्रवर्तक माध्यम, प्राथमिक नेत्र उपचार पर आईईसी सामग्री का भी विकास किया गया और उन्हें व्यवहार में लाया गया। समुदाय आधारित अनुसंधान कार्यों में आईसीएमआर, डीएसटी जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों का सहयोग लिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन, यूके, वेलकम ट्रस्ट, ओआरबीआईएस, साइटसेवर्स, ऑपरेशन आईसाईट यूनिवर्सल, सीबीएम, लायन्स क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन आदि जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी नजदीकी संबंध/सहयोग विकसित किया गया है।
सामुदायिक नेत्र उपचार और अनुसंधान परियोजनाएं (चालू)
वर्ष |
परियोजना / गतिविधि |
निधि का स्रोत |
अवधि |
2017 |
मधुमेह रेटिनोपैथी: दिल्ली में इसके जोखिम कारक और जैविक मार्करों का एक महामारी विज्ञान अध्ययन: प्रस्तावित |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय |
2017-18 |
मोतियाबिन्द और सामान्य नेत्र-संबंधी विकृति हेतु उपचार जरूरतों की शैली एवं तरीके तथा पश्चिमी दिल्ली के कमजोर शहरी आबादी वाले इलाकों में इन तरीकों पर स्थानीय स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं का प्रभाव |
स्वामी शिवानंद मेमोरियल इंस्टिट्यूट |
2017-18 |
|
2016 |
शहरी नेत्र स्वास्थ्य दिल्ली: दिल्ली की कमजोर शहरी आबादी में एकीकृत प्राथमिक नेत्र उपचार के सुदृढीकरण पर परिचालन अनुसंधान परियोजना: विजन दिल्ली (चरण 2) |
साइटसेवर्स |
2016-18 |
बाल दृश्य विकार और दृष्टिहीनता पर सामुदायिक आधारित अध्ययन |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान |
2016-18 |
|
नई दिल्ली में सामान्य तथा प्राथमिक नेत्र उपचार सेवा प्राप्तकर्ता हिन्दी भाषी मरीजों में सांस्कृतिक तौर पर उचित स्वास्थ्य शिक्षा साधनों का विकास एवं इसकी वैधता का मूल्याँकन |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान |
2016-17 |
|
डीएसटी द्वारा वित्तपोषित स्कूली बच्चों में बाहरी गतिविधियों पर मायोपिया के प्रभाव तथा विकास का मूल्याँकन। |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग |
2016-19 |
|
2015 |
भारत में परिहार्य दृष्टिहीनता संबंधी महामारी विज्ञान अध्ययन |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम |
2015-18 |
सुदृढ़ीकरण विकलांगता समावेशी नेत्र स्वास्थ्य कार्यक्रम |
सीबीएम/आरपीसी |
2015-18 |
|
2014 |
राष्ट्रीय ट्रेकोमा प्रसार सर्वेक्षण |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम |
2013-16 |
राष्ट्रीय ट्रेकोमा तीव्र मूल्याँकन सर्वेक्षण |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम |
2013-16 |
सामुदायिक नेत्र उपचार और अनुसंधान परियोजनाएं (संपूर्ण)
वर्ष |
परियोजना / गतिविधि |
निधि का स्रोत |
अवधि |
2013 |
विजन दिल्ली: दिल्ली स्लम में प्राथमिक नेत्र उपचार सेवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक पहल |
साइटसेवर्स |
2012-16 |
दिल्ली की शहरी मलिन बस्तियों में आम अंधत्व वाले नेत्र रोगों के बारे में जागरूकता तथा स्वास्थ्य-उपचार की मांग वाले अभ्यासों का अध्ययन - उत्तर भारत नेत्र रोग जागरूकता (एनआईईडीए) अध्ययन |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग |
2013-15 |
|
दिल्ली में स्कूल के बच्चों के बीच मायोपिया के प्रभावित कारकों पर स्वास्थ्य शिक्षा हस्तक्षेप पर एक पायलट अध्ययन |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग |
2013-15 |
|
ग्रामीण उत्तर भारतीय वयस्कों में मौजूदा अपवर्तक त्रुटियों, जरादूरदृष्टि (प्रेसबायोपिया) और चश्मे पर जनसंख्या आधारित अध्ययन |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान |
2013-14 |
|
दिल्ली के माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों में चश्में के प्रयोग और उसके तालमेल की समझ का अध्ययन |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान |
2013-14 |
|
2012 |
दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में व्यापक प्राथमिक नेत्र उपचार सेवाएं |
डीजेजेएस |
2012-16 |
2010 |
भारत में नेत्र-संबंधी स्वास्थ्य पर ग्लोबल वार्मिंग और अल्ट्रा वायलेट विकिरण (यूवीआर) एक्सपोजर के प्रभाव पर बहु केंद्रित सहयोगी अध्ययन |
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् |
2010-16 |
एनसीआर में मोतियाबिंद और अपवर्तक त्रुटि के लिए सेवाओं की पहुँच |
एमएएफ |
2010-16 |
|
पश्चिम दिल्ली की शहरी आबादी में व्यापक नेत्र उपचार सेवाएं |
स्वामी शिवानंद मेमोरियल इंस्टिट्यूट |
2010- |
|
2013 |
ट्रेकोमा सर्वेक्षण- अंडमान और निकोबार द्वीप |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम |
2013 |
2012 |
दिल्ली के शहरी स्लम में मधुमेह रेटिनोपैथी की सामुदायिक-आधारित स्क्रीनिंग के लिए एक लागत प्रभावी मॉडल का विकास करना। |
साइटसेवर्स |
2012-14 |
दिल्ली में दृष्टि क्षीणता का तीव्र मूल्याँकन |
साइटसेवर्स |
2012 |
|
2011 |
भारत में प्राथमिक नेत्र उपचार में आशा स्वयंसेवकों की भूमिका |
एलएसएच और टीएम |
2011 |
एनपीसीबी राष्ट्रीय सर्विलांस यूनिट |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम |
2011-15 |
|
2010 |
कार - निकोबार द्वीप, अंडमान और निकोबार में ट्रेकोमा का तीव्र मूल्याँकन |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम |
2010 |
पश्चिम दिल्ली की शहरी आबादी में व्यापक नेत्र उपचार सेवाएं |
स्वामी शिवानंद मेमोरियल इंस्टिट्यूट |
2010-14 |
|
कॉर्नियल अस्पष्टता पर सामुदायिक आधारित महामारी विज्ञान अध्ययन |
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद |
2010-14 |
|
2009 |
स्कूल के बच्चों में मायोपिया की घटनाओं और प्रगति का आकलन |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग |
2009-12 |
शहरी स्लम में ओईयू-आरपीसी नेत्र उपचार सेवाएं |
ऑपरेशन आईसाइट यूनिवर्सल |
2009-13 |
|
2008 |
भारत में मोतियाबिंद के आईएनडीईवाईई (इंडआई) अध्ययन के लिए आनुवंशिक घटक - आईएनडीजीईएन (इंडजेन) |
वेलकम ट्रस्ट, यूके |
2008-11 |
2007 |
भारत में बाल अंधेपन के नियंत्रण के लिए मौजूदा मानव संसाधनों और बुनियादी ढाँचे का स्थिति विश्लेषण |
विश्व स्वास्थ्य संगठन - राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम |
2007 |
दिल्ली के शहरी स्लम की जनसंख्या में व्यापक नेत्र उपचार सेवाओं द्वारा परिहार्य अंधेपन का नियंत्रण |
साइटसेवर्स |
2007-10 |
|
गुजरात में वयस्कों में दृश्य विकृति और अंधापन के प्रसार और कारणों का मूल्यांकन |
विश्व स्वास्थ्य संगठन |
2007-08 |
|
2006 |
मानव संसाधनों की कार्य क्षमताओं का अनुमान लगाने के लिए परिचालन अनुसंधान परियोजना |
विजन 2020 भारत |
2006 |
आरआईओ बाल नेत्र उपचार परियोजना |
ओआरबीआईएस |
2006-09 |
|
भारत में 6 पूर्व हाइपर-स्थानिक राज्यों में ट्रेकोमा का तीव्र मूल्याँकन |
विश्व स्वास्थ्य संगठन - राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम, भारत सरकार |
2006 |
|
परिहार्य दृष्टिहीनता के तीव्र मूल्याँकन पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम, भारत सरकार |
2006-07 |
|
2005 |
नेत्र उपचार सेवाओं के लिए जनशक्ति और प्रबंधन विकास परियोजना |
लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन |
2005-06 |
2004 |
भारत में आयु-संबंधित आंखों की बीमारी का महामारी विज्ञान |
वेलकम ट्रस्ट, यूके |
2004-07 |
एनपीसीबी सेंट्रल सेंटीनल सर्विलांस यूनिट |
विश्व स्वास्थ्य संगठन |
2004-06 |
|
एनपीसीबी सेंटीनल सर्विलांस यूनिट |
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम, भारत सरकार |
2004-15 |
|
भारत में बाल चिकित्सा नेत्र उपचार सेवाओं के लिए मानव संसाधन और आधारभूत संरचना का मानचित्रण |
ओआरबीआईएस |
2004-05 |
|
नेत्र उपचार कार्यक्रम प्रबंधन परियोजना |
ओआरबीआईएस |
2004-07 |
|
2003 |
मिजोरम और पानीपत में एनपीसीबी तीव्र मूल्याँकन सर्वेक्षण |
डेनिडा सपोर्टेड नेशनल ब्लाइंडनेस कंट्रोल प्रोग्राम |
2003 |
दिल्ली के स्लम क्षेत्रों में प्राथमिक नेत्र उपचार सेवाएं |
साइटसेवर्स |
2003-06 |
|
एनसीआर क्षेत्र में रीच इन प्रोग्राम (कार्यक्रय की पहुँच) के तहत मोतियाबिंद शल्य चिकित्सा सेवाएं |
साइटसेवर्स |
2003-06 |
|
2002 |
साइट सेवर्स इंटरनेशनल के लिए प्राथमिक नेत्र उपचार पर वीडियो फिल्म और आईईसी सामग्री के मुद्रण का विकास |
साइटसेवर्स |
2002-03 |
भारत में नेत्र उपचार अवसंरचना और मानव संसाधन की एनपीसीबी रजिस्ट्री |
विश्व स्वास्थ्य संगठन |
2002-03 |
|
एलएसएच और टीएम के सहयोग से बल्लभगढ़ में आयु-संबंधित नेत्र की बीमारियों का महामारी विज्ञान |
वेलकम ट्रस्ट, यूके |
2002-04 |
|
2000 |
दिल्ली में बच्चों पर अपवर्तक त्रुटि का अध्ययन |
विश्व स्वास्थ्य संगठन |
2000-01 |
उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मोतियाबिंद शल्य चिकित्सा सेवाओं के उपयोग में वृद्धि के लिए बीमा योजना |
बी.ए.आई.एफ. |
2000-01 |
|
1999 |
फतेहपुर, अलीगढ़, पौरीगढ़वाल और झांसी में मोतियाबिंद शल्य चिकित्सा परिणामों पर एनपीसीबी का अध्ययन |
विश्व बैंक परियोजना |
1999 |
1998 |
भरतपुर और सुल्तानपुर में मोतियाबिंद अंधेपन पर एनपीसीबी का सर्वेक्षण |
विश्व बैंक परियोजना |
1998-01 |
इंडो-यूएस प्रोजेक्ट ऑन डेवलेपमेंट ऑफ विजुअल फंक्शन क्योश्चनएयर (दृश्य कार्य प्रश्नावली के विकास पर भारत-यूएस परियोजना) |
यूएस इमिग्रेशन फंड |
1998-02 |
|
1997 |
अलवर में एनपीसीबी तीव्र मूल्याँकन और उत्तर प्रदेश में सुविधा सर्वेक्षण |
विश्व बैंक परियोजना |
1997-01 |
1995 |
इंडो-यूके कम्युनिटी ओप्थाल्मोलॉजी प्रोजेक्ट (भारत-ब्रिटेन कम्युनिटी ओप्थाल्मोलॉजी प्रोजेक्ट) |
अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग |
1995-2000 |