नेत्र विकृति विज्ञान (ओकुलर पैथोलॉजी)
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नेत्र विकृति विज्ञान (ओकुलर पैथोलॉजी)
ऑपरेटिव निदान और फैट स्टेन के शीघ्र परिणाम के लिए क्रायोस्टेट मशीन |
अच्छी तरह से विभेदित रेटिनोब्लास्टोमा (हेमाटॉक्सिलिन और ईओसीन दाग) |
पीएएस दाग (गोबलेट कोशिकाएं) |
सेबेसियस ग्रंथि कार्सिनोमा (पैपानिकोलाउ दाग) |
मेटास्टैटिक एडेनोकार्सिनोमा (एमजीजी दाग) |
ऑटो एनालाइजर |
मेसेनकैमल लेसियन्स के लिए विमेनटिन (Vimentin) |
आरबी में पी53 ट्यूमर सप्रेसर जीन |
नेत्र विकृति विज्ञान
प्रभारी |
डॉ, सीमा सेन |
आचार्य |
संकाय |
डॉ. सीमा कश्यप |
आचार्य |
पीएचडी स्कॉलर 1. श्री पी जयराज (संपूर्ण) 2. सुश्री शीतल चौहान (संपूर्ण) 3. सुश्री लता (संपूर्ण) 4. सुश्री मानसी भारद्वाज (2011 के बाद) 5. श्री मिथलेश कुमार सिंह (2014 के बाद) |
यह अनुभाग केंद्र को नैदानिक सेवाएं प्रदान करता है जिसमें नेत्र रोग विज्ञान के स्नातकोत्तर छात्र शामिल हैं जिन्हें ओकुलर पैथोलॉजी, हिस्टोपैथोलॉजी एवं साइटोपैथोलॉजी से परिचित कराया जाता है। यहाँ पर प्रतिवर्ष औसतन 80,000 जाँच होती हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ पर भारत के अन्य मेंडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के लिए नेत्र विकृति विज्ञान में शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। आर्बिटल, इंट्राओकुलर ट्यूमरों एवं पलक के ट्यूमरों, ग्लूकोमा तथा कार्नियल पैथोलॉजी पर शोध कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा 25 मार्च 2006 को इंडियन एसोसिएशन ऑफ ओकुलर पैथोलॉजिस्ट के अधीन नेत्र विकृति विज्ञान पर कार्यशाला आयोजित की गई।
(I) हिस्टोपैथोलॉजी एवं फ्रोजेन अनुभाग: इस अनुभाग में ओकुलर नमूनों की नैदानिक हिस्टोपैथोलॉजी की जाती है। इसके अतिरिक्त फ्रोजेन अनुभाग द्वारा विभिन्न हिस्टोकैमिकल स्टेन्स के लिए लिड ट्यूमरों एवं फ्रोजेन सेक्शन में भी मार्ग दर्शन प्रदान किया जाता है। (II) साइटोपैथोलॉजी: 1. इम्प्रेशन साइटोलॉजी: ड्राई आई, कॉर्नियल, कंजंक्टीवल नियोप्लेसियाज, अलसरेटिव आई लिड लेजन के निदान हेतु इम्प्रेशन साइटोलॉजी की जाती है। 1. एफएनएसी (फाइन निडिल एसपिरेशन साइटोलॉजी): पैलपेबल आर्बिटल, आई लिड लेजन एवं एनलार्जड लिंफ नोड के शल्यप्रक्रिया पूर्व निदान के लिए एफएनएसी की जा रही है। 1. विट्रियस एवं एक्वस साइटोलॉजी: इंट्राओकुलर लिंफोमास एवं मैटास्टेsटिक एंडोप्थे लमाइटिस के लिए साइटोस्पिन। (III) नैदानिक पैथोलॉजी: (क) ऑटो एनालाइजर की मदद से समस्त रक्त जांच की जाती हैं। हीमोग्राम Ø टीएलसी - टोटल ल्यूकोसाइट काउंट Ø डीएलसी - डिफ्रेंसियल ल्यूकोसाइट काउंट
(ख) मूत्र विश्लेषण – निम्न के लिए मूत्र सहित नियमित जाँच-
(ग) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्र की विभिन्न प्रयोगशालाओं में आरपीसी वार्ड एवं बाह्य रोगी विभाग के रोगियों के लिए सभी जाँचों का नमूना संग्रह। (IV) इम्युनोहिस्टोकैमिस्ट्री: नैदानिक एवं अनुसंधान प्रयोजन- ट्यूमरों के डिफ्रेंसियल निदान में सहायक होने के साथ-साथ कैंसर के बायोमार्कर के रुप में कार्य करता है। (V) मॉलिक्युलर पैथोलॉजी प्रयोगशाला
संग्रहालय: नेत्र विकृति विज्ञान संग्रहालय की शुरुआत आचार्य रत्नाकर द्वारा 1976 में की गई थी। अध्यापन प्रयोजनों के लिए पलक, आर्बिटल लेजन, इंट्रा ओकुलर ट्यूमर के रोचक मामलों को अभी भी इस संग्रहालय में संरक्षित किया जा रहा है। (ख) अनुसंधान कार्य: (क) निधि प्रदत्त अनुसंधान कार्य: केवल जाँचकर्ता का नाम, निधि प्रदान करने वाली एजेंसी का नाम, कुल प्रदत्त निधि एवं परियोजना की अवधि दर्शाते हुए चालू एवं पूर्ण की गई अनुसंधान परियोजनाओं का शीर्षक प्रदान करें। कृपया चालू एवं पूर्ण की गई परियोजनाओं के शीर्षक के अंतर्गत सूचना प्रदान करें। चालू परियोजनाएं: 1) पी53 की एपिजेनेटिक्स तथा ओकुलर सर्फेश स्क्वेमश नियोप्लेजिया में साइक्लिंस की भूमिका (2014 - 2016) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 2) एमआईआरएनएज ऐज प्रोग्नोस्टिक इंडिकेटर्स इन आई लिड सेबाक्यूअश ग्लैंड कार्सिनोमा (2014 - 2016) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 3) प्राथमिक केराटोप्लास्टी एवं संदेहास्पद वायरल केराटाइटिस मामलों में विफल ग्राफ्टों में एचएसवी-1 ईटिओलॉजी का आकलन : ए प्रॉस्पेक्टिव क्लिीनिको-पेथोलॉजिकल एंड मॉलिक्युलर स्ट्डी (2013 - 2016) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 4) आई लिड सेबाक्यूअश ग्लैंड कार्सिनोमा में एपीथीलियल मेसेनकाइमल ट्रांजीशन मार्कर्स का नैदानिक प्रभाव (2014-2016) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 5) इंट्राओकुलर मैलिग्नेंट चाइल्डहुड ट्यूमरों में माइटोकांड्रियल का आणविक अध्ययन (2015-2017) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। पूरी की गई परियोजनाएं: 1) इंट्रा ओकुलर मैलिग्नेंट चाइल्डहुड ट्यूमरों में एचएमजी प्रोटीन की भूमिका (2012-2014) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 2) इम्युनोहिस्टोकैमिकल इवेल्युऐशन ऑफ कैंडिडेट मार्कर्स फॉर सेबाक्यूअश डिफ्रेंशिएशन एंड देयर एसोसिएशन विद एग्रेसिव आईलिड सेबाक्यूअश ग्लैंड कार्सिनोमा (2013-2014) दिल्ली विश्वविद्यालय। 3) ओकुलर एडनेक्सल लिम्फोमाज एंड क्लैमाइडिया: एन इम्युनो फिनोटाइपिक एंड मॉलिक्युलर स्ट्डी (2011 - 2014) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 4) रोल ऑफ माइक्रो आरएनए-200 फैमिली इन ओकुलर मैलिग्नेंसीज (2011-2013) आईआरजी द्वारा निधि प्रदत्त। 5) रोल ऑफ स्ट्रेटिफिन इन ओकुलर स्क्वैमस सेल निओप्लाजिया एंड इट्स कोरिलेशन विद अदर ट्यूमर सप्रेसर्स (2010-2013) आईसीएमआर परियोजना। 6) इम्युनोहिस्टोकैमिकल इवेल्युऐशन ऑफ एस्ट्रोजेन एंड प्रोजेस्ट्रोन रिसेप्टर्स इन सेबाक्यूअश सेल कार्सिनोमा ऑफ द आई लिड (2010-2011) आईआरजी परियोजना। 7) इम्युनोहिस्टोकैमिकल डिटेक्शन ऑफ सेल डिवीजन साइकिल (सीडीसी25) प्रोटींस इन रेटिनोब्लास्टोमा (2011-2012) आईआरजी परियोजना। 8) इम्युनोहिस्टोकैमिकल एनालिसिस ऑफ पी53 एंड एमडीएम2 इन रेटिनोब्लास्टोमा सीएसआईआर परियोजना। 9) आइडेंटीफिकेशन ऑफ ह्यूमन पैपिलोमा वायरस टाइप्स इन मैलिग्नेंट ओकुलर ट्यूमर्स (2009-2011) आईआरजी द्वारा निधि प्रदत्त। 10) इम्युनोहिस्टोकैमिकल डिटेक्शन ऑफ कैंसर स्टेम सेल मार्कर्स इन रेटिनोब्लास्टोमा (मई 2009-10) आईआरजी द्वारा निधि प्रदत्त। 11) डिटेक्शन ऑफ एचपीवी जीनोम इन मैलिग्नेंट ओकुलर लेजिंस (2008-2010) आईसीएमआर परियोजना। 12) इम्युनोफिनोटाइप कैरेक्टराइजेशन ऑफ स्मॉल लिंफोसाइटिक लिंफोमाज ऑफ द आई (2007-2008) आईआरजी परियोजना। 13) रेटिनोब्लास्टोमा प्रोटीन (पीआरबी) एक्सप्रेशन इन ह्यूमन आइज एंड ओकुलर ट्यूमर्स (2005-2006) आईआरजी परियोजना। 14) पी53 एक्सप्रेशन इन सेबाक्यूअश ग्लैंड कार्सिनोमा ऑफ द आई लिड- एन इम्युनोहिस्टोकैमिकल स्ट्डी (2004-2005) आईआरजी परियोजना। 15) इम्युनोहिस्टोकैमिकल डिटेक्शन ऑफ एचएसवी-1 इन नॉन-स्पेसीफिक कैराटाइटिस (2003-2004) आईआरजी परियोजना। 16) ह्यूमन पैपिलोमा वायरस इन कंजक्टीवल निओप्लासिआज (2000-2001) आईआरजी परियोजना। 17) इम्युनोफिनोटाइप कैरेक्टराइजेशन ऑफ ओकुलर लिंफोप्रोलीफरेटिव डिसआर्डर्स (1998-2001) आईसीएमआर परियोजना। 18) डॉयग्नोसिस ऑफ ओकुलर एंड आर्बिटल राउंड सेल ट्यूमर्स इन चिल्ड्रेन बाई इम्युनो हिस्टोकैमिस्ट्री (1989-91) आईसीएमआर परियोजना। ख) विभागीय अनुसंधान कार्य: चालू एवं पूरी की गई अनुसंधान परियोजनाओं का केवल शीर्षक। चालू परियोजनाएं: 1) आरबी में डिफ्यूजन वेटेड एमआरआई की भूमिका। 2) एक्सप्रेशन ऑफ स्टेम सेल मार्कर्स इन आरबी एंड देयर क्लीनिको पैथोलॉजिकल कोरिलेशन। 3) एपीथीलियल-मेसेनकाइमल ट्रांजीशन (ईएमटी) इन सेबाक्यूअश कार्सिनोमा ऑफ द आई लिड-एन इम्युनोहिस्टोकैमिकल एंड मॉलिक्युलर स्ट्डी। (पीएच.डी थीसिस) 4) जीन एक्सप्रेशन प्रोफाइल ऑफ ह्यूमन युवियल मेलानोमा'' (पीएच.डी थीसिस) 5) स्ट्डी ऑफ ओरल रिबैमिपाइड इन मैनेजमेंट ऑफ ड्राई आई 6) कीमोरिडक्शन फेल्योर इन रेटिनोब्लास्टोमा - ए क्लिीनिकल एंड हिस्टोपैथोलॉजिकल रिस्क फैक्टर्स। 7) इवेल्युएशन ऑफ मल्टीमोडल ट्रीटमेंट एप्रोच फॉर एक्स्ट्रा ओकुलर रेटिनोब्लास्टोमा: ए रैंडोमाइज्ड स्ट्डी। 8) कम्पेरीजन ऑफ सेफ्टी एंड बायो कंपेटीबिलिटी बिटवीन एमनिओटिक मेम्ब्रेन एंड बायो पोलीमर इन हीलिंग ऑफ एपीथीलियल डिफेक्ट इन एन एक्सपेरिमेंटल मॉडल''। 9) ''मालिक्युलर कैरेक्टराइजेशन ऑफ स्टीवेंस-जांन्सन सिंड्रोम ओकुलर सिक्युले'' (पीएच.डी थीसिस) 10) ''मालिक्युलर कैरेक्टराइजेशन ऑफ एनएफकेबी पाथवे इन यूवियल मेलानोमा। पूरी की गई परियोजनाएं: 1) मालिक्युलर एनालिसिस ऑफ माइटोकांड्रियल जीन्स एसोसिएिटेड विद ट्रयूमरीजेनेसिस इन रेटिनोब्लास्टोमा। (पीएच.डी थीसिस) 2) एक्सप्रेशन ऑफ सेल साइकिल रेगुलेटरी प्रोटींस इन ओकुलर सर्फेश स्क्वैमस निओप्लाजिया। 3) इम्युनोहिस्टोकैमिकल एंड मॉलिक्युलर स्ट्डीज डब्लूएनटी/ b-कैटेनिन सिग्नलिंग इन सेबाक्यूअश सेल कार्सिनोमा ऑफ द आई लिड। 4) ओकुलर सर्फेश इवेलुएशन इन एलोजेनिक हेमाटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट पेशेंट्स। 5) सेंटिनल लिंफ नोड बॉयोप्सी इन मैलिग्नेंट आई लिड ट्यूमर्स। (ग) सहयोगात्मक अनुसंधान: चालू परियोजनाएं: 1) इवेलुऐशन ऑफ क्लिीनिकल एंड हिस्टोपैथ फैक्टर्स एसोसिएटेड विद सक्सेज ऑफ एमएमसी ऑग्मेंटेड ट्राबेकुलेकटॉमी एमंग प्राइमरी ग्लूकोमाज इन इंडिया''। आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 2) इवेलुऐशन ऑफ रोल ऑफ कल्टीवेटेड ओरल म्यूकोसल एपीथीलियल सेल्स इन पेशेंट्स विद बाइलेटरल एक्यूट ओकुलर बर्नस एज कम्पेयर्ड टू एमनिओटिक मेंब्रेन ट्रांस्प्लांटेशन। बहु सांस्थानिक परियोजना एम्स और पीजीआईएमईआर (चंडीगढ़)। (डीबीटी द्वारा निधि प्रदत्त)। 3) बोन मैरो डिराइव्ड स्टेम सेल थिरेपी एंड द ट्राबेक्युलर मेशवर्क : एक प्रायोगिक अध्ययन। 4) द डेवेलपमेंटऑफ ए पोटेंशियल बायो-पोलीमर टू सर्व एज एन अलटरनेटिव सब्सट्रेट ऑफ ह्यूमन एमनिओटिक मेंब्रेन फॉर एक्स-वीवो एक्सपेंशन ऑफ कार्नियल एपीथीलियल स्टेम सेल्स। 5) इवेलुऐशन ऑफ टियर फिल्म लिपिडोमिक्स इन सेलेक्टेड ओकुलर सर्फेश डिसआर्डर्स'। (पीएच. डी थीसिस) 6) स्ट्रेटेजीज फॉर एक्सटेंडिंग यूटिलाइजेशन ऑफ डोनर कार्नियल टिसूज फॉरकार्नियल ट्रांस्प्लांटेशन बाई हारनेसिंग देयर फुल क्लिीनिकल पोटेंशियल। 7) एनालिसिस ऑफ द एक्सप्रेशन ऑफ म्यूसिंस एंड एंजियोजेनेसिस मार्कर्स इन ह्रयूमन ओरल म्यूकोसल एपीथीलियल सेल्स (ओएमइसी) ऑन यूजिंग माइकोफिनोलेट मोफटिल (एमएमएफ) एंड बिवेसीजुमैब (बीवीसीजेड) इन विट्रो। 8) कंजक्टीवल ऑटोफ्लूरोसेंस एज ए मार्कर ऑफ अल्ट्रावायलेट रेडिऐशन एक्सपोजर इन पिटेरीजियम। 9) मालिक्युलर कैरेक्टराइजेशन ऑफ स्टीवेंस जांन्सन सिंड्रोम ओकुलर सिक्युले। (पीएच. डी थीसिस) 10) डिटेक्शन ऑफ एचएसवी-1 ईटिओलॉजी इन प्राइमरी केराटोप्लासटी एंड फेल्ड ग्राफ्ट्स इन सस्पेक्टेड वायरल केराटाइटिस केसेस : एक संभावनाशील क्लिीनिको-पेथोलॉजिकल एवं आणविक अध्ययन। 11) कीमोरिडक्शन फेल्योर इन रेटिनोब्लास्टोमा-नैदानिक एवं हिस्टोपैथोलॉजिकल जोखिम कारक। 12) इवेलुऐशन ऑफ मल्टी मोडल ट्रीटमेंट एप्रोच फॉर एक्सट्रा ओकुलर रेटिनोब्लास्टोमा : एक याद्रिच्छिक अध्ययन। 13) एक्सप्रेशन ऑफ स्टेम सेल मार्कर्स इन आरबी एंड देयर क्लीनिको पैथोलॉजिकल कोरिलेशन। 14) आरबी में डिफ्यूजन वेटेड एमआरआई की भूमिका। 15) कम्पेरीजन ऑफ सेफ्टी एंड बायो कंपेटीबिलिटी बिटवीन एमनिओटिक मेम्ब्रेन एंड बायो पोलीमर इन हीलिंग ऑफ एपीथीलियल डिफेक्ट इन एन एक्सपेरिमेंटल मॉडल 16) कोरिलेशन ऑफ हिस्टोपैथोलॉजी ऑफ एंगल स्ट्रक्चर्स विद लांग टर्म प्रोग्नोसिस इन कांजेनिटल ग्लूकोमा 17) जीन एक्सप्रेशन प्रोफाइल ऑफ ह्यूमन यूवियल मेलानोमा 18) क्लिीनिकल सिग्नीफिकेंस ऑफ सिरटुइन 1 एंड फाक्सो 3 इन इंट्राओकुलर एंड आर्बिटल रेटिनोब्लास्टोमा 19) क्लिीनिकल परर्फोमेंस एंड ओकुलर सर्फेश होमेनस्टेसिस स्ट्डी विद गैस पर्मिएबिल स्केलेरल कान्टेक्ट लेंस फॉर ओकुलर सर्फेश डिसीज 20) इवेलुएशन ऑफ सर्कुलेटिंग सेल फ्री डीएनए (सीसीएफडीएनए) एंड देयर क्लिीनिकल यूटिलिटी एज बायोमार्कर इन स्किल कार्सिनोमा पूरी की गई परियोजनाएं: 1) प्रोजेस्टोस्टिक मार्कर इन रेटिनोब्लास्टोमा - एन इम्युनोहिस्टोकेमिकल स्टडी (बाल चिकित्सा ओन्कोलॉजी और आईआरसीएच के सहयोग से) आईसीएमआर द्वारा निधि प्रदत्त। 2) कल्चर ऑफ लिंबल स्टेम सेल फॉर ओकुलर सरफेस रीकंस्ट्रक्शन इन स्टेम सेल डिफिसिएन्शी डिजीज। डीबीटी द्वारा निधि प्रदत्त। 3) आईसोलेशन, एक्सपेंशन एंड कैरेक्टराइजेशन ऑफ़ कॉर्नियल लिम्बल एपिथेलियल सेल्स। (पीएच.डी थीसिस) 4) पायलट स्टडी टू एवैल्यूएट कीमोथेरेपी इन स्टेज 3 आरबी एज पर द आईआरएसएस। (डीएम थीसिस) 5) रोल ऑफ़ पोलो-लाइक किनसे प्रोटीन्स इन रेटिनोब्लास्टोमा – एन इम्मुनोहिस्टोकेमिकल स्टडी। (आईआरजी) प्रकाशित की गई पुस्तकें और अध्याय: 1) एटलस ऑफ ओप्थाल्मिक पैथोलॉजी। सेन एस. एचएमजी प्रकाशक, 2002. 550 से अधिक रंगीन चित्रों का संग्रह और सामान्य ओप्थाल्मिक विकारों के संक्षिप्त क्लिनिकोपैथोलॉजिक विवरण। 2) अध्याय शीर्षक "इलस्ट्रेटिव ओकुलर पैथोलॉजी" कश्यप सिन "पोस्ट ग्रेजुएट ओप्थाल्मोलॉजी" चौधरी और वानाथी द्वारा पुस्तक। जेपी पब्लिशर्स 2011 अनुसंधान प्रकाशन: प्रकाशन: (1) सिंह एल, नाग टीसी, कश्यप एस. अल्ट्रास्ट्रक्चरल चेंजेस ऑफ मिटोकोंड्रिया इन ह्यूमन रेटिनोब्लास्टोमा: कोररिलेशन्स विद ट्यूमर डिफरेंशेशन्स एंड इनवैसिवेनेसस। ट्यूमर बायोल. 2015 अक्टूबर 5 [मुद्रण से पहले ई-प्रकाशन]। (2) सिंह एल, नीरू सैनी, समीर बख्शी, नीलम पुष्कर, सीमा सेन, अंजना शर्मा, जसबीर कौर, सीमा कश्यप। प्रोजेस्टोस्टिक सिग्नीफिकेन्स ऑफ मिटोकोंड्रियान ऑक्सीडिएटिव फॉस्फोरिलेशन कॉम्प्लेक्स: थेराप्यूटिक टारगेट इन द ट्रीटमेंट ऑफ रेटिनोब्लास्टोमा। मिटोकोंड्रियान 2015 जून 10; 23:55-63। (3) सिंह एल., पुष्कर एन., सेन एस., सिंह एम.के., चौहान एफ.ए., कश्यप एस.। प्रोग्नोस्टिक सिग्निफिकेशन ऑफ पोलो-लाइक किनेस इन रेटिनोब्लास्टोमा: कोररिलेशन विद पेशेंट आटकम, क्लिनिकल एंड हिस्टोपैथोलॉजिकल पैरामीटर्स। क्लिन एक्सपेरिमैंट ओप्थाल्मोल। 2015 मार्च 5. डोओआई: 10.1111/सीईओ.12517। [मुद्रण से पहले ई-प्रकाशन। (4) भारद्वाज एम, सेन एस., शर्मा ए, कश्यप एस., चॉस्डोल के., पुष्कर एन., बजाज एम.एस., बख्शी। जेडईबी2/एसआईपीआई एज नॉवेल प्रोग्नोस्टिक इंडीकेटर इन आईलिड सेबेसियस ग्लांड कार्सिनोमा। हम पैथोल. 2015;46(18):1437-42 (5) सिंह एम.के., सिंह एल., पुष्कर एन., सेन एस., शर्मा ए., चौहान एफ.ए., चावला भावना, कश्यप एस. रोल ऑफ हाई मोबिलिटी ग्रुप प्रोटीन ए आईसोफोम्स एंड देयर क्लिनिकोपैथोलॉजिकल सिग्निफिकैंस इन इन प्राइमरी रेटिनोब्लास्टोमा। एप्लाइड इम्युनोहिस्टोकैमिस्ट्री एंड मोलीक्यूलर मॉर्फोलॉजी 2015 में स्वीकृत। 9 दिसंबर 2015 [मुद्रण से पहले ई-प्रकाशन।] (6) सिंह एम.के., सिंह एल., पुष्कर एन., सेन एस., शर्मा ए., चौहान एफ.सी., कश्यप एस. कोररिलेशन ऑफ हाई मोबिलिटी ग्रुप बॉक्स-1 प्रोटीन (एचएमजीबी1) विद क्लिनिकोपैथोलॉजिकल पैरामीटर्स इन प्राइमरी रेटिनोब्लास्टोमा। पैथोलॉजी और ओन्कोलॉजी रिसर्च 2015 सितंबर; 21(4):1237-42 (7) जयराज पी., सेन एस., शर्मा ए., चॉस्डोल के., कश्यप एस., राय ए., पुष्कर एन., बजाज एम.। आईलिड सेबेसियस कार्सिनोमा: ए नॉवल म्यूटेशन इन लिम्फोइड एन्हेंसर-बाइंडिंग फैक्टर-1 (एलईएफ-1)। ब्रि. ज. डेर्माटोल. 2015 फरवरी 1. डीओआई: 10.1111/बीजेडी.13706 [मुद्रण से पहले ई-प्रकाशन] (8) भारद्वाज एम., सेन एस., शर्मा ए., पुष्कर एन., कश्यप एस., बजाज एम.एस., चॉस्डोल के., बख्शी एस. क्लीनिक रिलेवेंस ऑफ ईएमटी इन आईलिड सेबेसियस ग्लांड कार्सिनोमा : एन इम्युनोहिस्टोकेमिकल एंड मोलीक्यूलर स्टडी। इनवेस्टीगेटिव ओप्थाल्मोलॉजी एंड विजुएल साइंस में प्रकाशित सार 2015;56(7):3411 (9) चौहान एस., सेन एस., शर्मा ए., कश्यप एस., वानाथी एम., पुष्कर एन., टंडन आर.। स्टेट्स एंड ओकुलर रिलेवेंस ऑफ जी1/एस सेल साइकल रेगुलैटरी प्रोटोन्स इन ओकुलर सरफेस स्काउमस नियोपल्सिया। कैंसर रिसर्च में प्रकाशित सार, डीओआई: 10.1158/1538-7445.एएम2015-5155 (10) पी. जयराज, एस. सेन, ए. शर्मा, के. चॉस्डोल, एस. कश्यप, ए. राय, एन. पुष्कर। आईलिड सेबेसियस कार्सिनोमा: ए नॉवल म्यूटेशन इन लिम्फोइड एन्हेंसर-बाइंडिंग फैक्टर-1 ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ डार्मेटोलॉजी 173 (3), 811-814 (11) पी. जयराज, एस. सेन, टी. भट्टाचार्य, जे. अरोड़ा, एस. यादव, वी. छोकर। क्लिनिकल रैलीवेन्स ऑफ साइक्लो-ऑक्सीजनेज 2 एंड पैरोक्साइज़ोम प्रोलिफेरेटर एक्टिवेटेड रिसेप्टर वाई इन आईलिड सेबेसियस ग्लांड कार्सिनोमा। हिस्टोपैथोलॉजी। (12) पी. जयराज, एस. सेन, ए. शर्मा, एस. कश्यप, ए. राय, एन. पुष्कर, एम. एस. बजाज। लिम्फोइड एनहैंसिंग फैक्टर -1 (एलईएफ-1) जीन मल्टेशन एंड इट्स डिफिरेंशिएल एमआरएनए। इनवेस्टीगेटिव ओप्थाल्मोलॉजी एंड विजुएल साइंस 53 (14), 5614-5614 (13) सिंह एल. कोररिलेशन ऑफ हिस्टोपैथोलॉजिकल हाई रिस्क फैक्टर विद पोलो-लाइक किनेस 1 (पीएलके 1) इन रेटिनोब्लास्टोमा। ज. क्लिन. एक्सप. पैथोल. 2.5-64 (2012)। (14) लता सिंह, सीमा कश्यप, नीलम पुष्कर एट अल। रोल ऑफ अपोप्टोटिक रेगुलेटरी प्रोटीन्स इन रेटिनोब्लास्टोमा; इनवेस्ट ओप्थाल्मोल विस. सा. 2013;54:ई-सार 4987 (15) एल. सिंह, एस. कश्यप, एन. पुष्कर, एन. सैनी, एस. सेन, ए. शर्मा, एम.के. सिंह। डू अपोप्टोटिक प्रोटीन्स हैव रोल इन रेटिनोब्लास्टोमा? पैडियाट्रिक ब्लड एंड कैंसर वॉल्यूम 60, अंक एस3, सितंबर 2013, पृष्ठ संख्या: एस128 (16) शीतल चौहान, सीमा सेन, अंजना शर्मा एट अल., 'एपिजेनेटिक अल्टरेशन्स ऑफ स्ट्रेटिफिन इन ओकुलर सरफेस स्क्वामस नियोप्लासिया : पैथोजेनेसिस एंड प्रोगनोसिस., डीओआई: 10.1158/1538-7445.एफबीसीआर 13-ए03 कैंसर रिसर्च अक्टूबर, 2013 73; ए03 (17) कश्यप एस., वेंकटेश पी., सेन एस., खंडूजा एस., श्रेय डी., टिनवाला एस., गर्ग एस। क्लिनिकोपैथोलॉजिक करैक्टरिस्टिक्स ऑफ कोरॉयडल मेलेनोमा इन ए नॉर्थ इंडियन पॉपुलेशन: एनालाइसिस ऑफ 10-ईयर डेट। इंट. ओप्थाल्मोल। 2013 जुलाई 4. 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"रेटिनोब्लास्टोमा प्रोटीन एज ए प्रोनोस्टिक इंडिकेटर ऑफ ओकुलर सर्फेस स्क्वैमस नियोप्लासिया पेशेंट" को इंडियन आई रिसर्च ग्रुप, हैदराबाद, 28-29 जुलाई 2012, बीएस-18 की 20वीं वार्षिक बैठक में आईईआरजी-एआरवीओ-आईसी-2012 ट्रैवल अवार्ड से सम्मानित किया गया। 6) नीलिमा शर्मा, नैमुल कबीर, राजिंदर सिंह, सीमा सेन, सीमा कश्यप, राधिका टंडन, एम. वानाथी, नम्रता शर्मा। इंप्रेशन साइटोलॉजी: यूटिलिटी इन ओकुलर सरफेस डिसऑर्डर्स, 29 मार्च से 30 मार्च, 2014 को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आयोजित एएचपीसीओएन-2014. बेस्ट पोस्टर अवार्ड। 7) लता सिंह, सीमा कश्यप, नीलम पुष्कर, सीमा सेन, अंजना शर्मा, भावना चावला, जसबीर कौर। क्लिनिकोपैथोलॉजिकल सिग्नीफिकेन्स ऑफ़ मिटोकॉंड्रियल कॉम्प्लेक्सेस इन रेटिनोब्लास्टोमा। हैदराबाद में दिसंबर 2013 को आयोजित कान्फ्लूअन्स 2013 में मौखिक प्रस्तुति (ओरल प्रेजेंटेशन)। बेस्ट पेपर अवॉर्ड (प्रथम पुरस्कार) 8) मिथलेश कुमार सिंह, सीमा कश्यप, लता सिंह, नीलम पुष्कर, सीमा सेन, अंजना शर्मा, भावना चावला, जसबीर कौर। हैदराबाद में दिसंबर 2013 को आयोजित कान्फ्लूअन्स 2013 में मौखिक प्रस्तुति (ओरल प्रेजेंटेशन)। एक्सप्रेशन ऑफ़ एचएमजीबी1 प्रोटीन्स इन रेटिनोब्लास्टोमा। बेस्ट पेपर अवॉर्ड (तृतीय पुरस्कार) 9) लता सिंह, सीमा कश्यप, नीलम पुष्कर, नीरू सैनी, सीमा सेन, समीर बख्शी, अंजना शर्मा, मिथलेश कुमार सिंह। डू अपोप्टोटिक रेगुलेटरी प्रोटीन हैव ए रोल इनरेटिनोब्लास्टोमा। हांगकांग, चीन, सितंबर 2013 में आयोजित एसआईओपी 2013 में पोस्टर प्रस्तुति। बेस्ट पोस्टर अवार्ड। 10) भारद्वाज एम, सेन एस., कुमार एल., कश्यप एस., पुष्कर एन. स्पेक्ट्रम ऑफ ओकुलर नॉन-हॉजकिन'स लिम्फोमा: ए क्लिनिकोपैथोलॉजिकल स्टडी फ्रॉंम नॉर्थ इंडिया। इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट (डीएपीसीओएन 2013) विकृतिविज्ञान विभाग, एम्स, नई दिल्ली में 24 फरवरी को 28वां वार्षिक सम्मेलन दिल्ली चैप्टर आयोजित हुआ। सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 11) घोनसिकर वी., सेन एस., भारद्वाज एम., एट अल. क्लिनिकोपैथोलोजिक प्रोफाइल ऑफ ऑर्बिटल हिस्टियोसाइटिक लेसियन्स। आगरा, भारत में आयोजित ऑल इंडिया ओप्थाल्मोलॉजिकल सोसाइटी (एआईओएस) के 72वें वार्षिक सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ फ्री पेपर पुरस्कार से सम्मानित। 12) डॉ. सीमा सेन और डॉ. सीमा कश्यप - एपीएओ उपलब्धि पुरस्कार – एपीएओ-एआईओएस- जनवरी, 2013 में सम्मानित। 13) ऑर्बिट के प्राइमरी प्रिमिटिव न्यूरोक्टेडर्मल ट्यूमर (पीपीएनईटी), 10 वर्ष की समीक्षा। अहमदाबाद में 3 से 6 फरवरी, 2011 को आयोजित 69वें एआईओएस सम्मेलन में ऑर्बिट सत्र प्रस्तुति में सर्वश्रेष्ठ पेपर के रूप में घोषित किया गया। 14) ”रोल ऑफ़ इम्प्रेशन साइटोलॉजी इन द डायग्नोसिस ऑफ़ मलिग्नैंट अल्सरेटिव आईलिड लेसियन्स” को द्वितीय सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इलाहाबाद में दिसंबर 2007 को वार्षिक साइटोलॉजी सम्मेलन। 15) इंट्राओकुलर एफएनएसी यूवियल मेलानोमस को 2003 पुणे में इंडियन अकादमी ऑफ़ साइटोलॉजिस्ट्स के वार्षिक सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ पोस्टर के रूप में घोषित किया गया। |