सामुदायिक नेत्र विज्ञान
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सामुदायिक नेत्र विज्ञान
संकाय • प्रमुख: डॉ प्रवीन वशिष्ठ • डॉ सूरज सिंह सेंजम• डॉ विवेक गुप्ता
अपनी शैक्षिक गतिविधियों के अलावा डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र, एम्स का सामुदायिक ओप्थाल्मोलॉजी विभाग समुदाय आधारित गतिविधियों जैसे व्यापक प्राथमिक नेत्र देखभाल सेवाएं, शिविर, स्कूल विज़न स्क्रीनिंग, अल्प दृष्टि स्वास्थ्य देखभाल, और महामारी विज्ञान अनुसंधान तथा सर्वेक्षण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, सामुदायिक जागरूकता अभियान में भी सक्रिय तौर पर शामिल है। नियमित आउटरीच नेत्र देखभाल सेवाओं के एक हिस्से के रूप में, यह शहरी झुग्गी बस्तियों और दिल्ली के वंचित समुदायों में पंद्रह एकीकृत प्राथमिक नेत्र देखभाल क्लीनिक संचालित करता है। इसके द्वारा वर्ष 2015 से, दिल्ली सरकार और साइटसेवर्स एनजीओ के समर्थन व सहयोग से दिल्ली सरकार और नगरपालिका स्वास्थ्य औषधि/केंद्रों में सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। केंद्र के परिसर में समुदाय नेत्र विज्ञान के तहत एक 24-बिस्तर वाला समर्पित वार्ड है। आउटरीच सेवाओं में लाभ से वंचित जनसमुदाय हेतु मधुमेह रेटिनोपैथी का परीक्षण भी शामिल है। इसके लिए वर्तमान में तीन समर्पित संकाय सदस्य पदस्थ हैं। डॉ. सूरज को सामुदायिक नेत्र देखभाल में उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2015-16 हेतु एसीओआईएन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है। 50 से अधिक सहायक कर्मचारियों की एक टीम में नेत्र रोग विशेषज्ञ, ऑप्टोमेट्रिस्ट, शोधवेत्ता, क्षेत्र जाँचकर्ता, स्वास्थ्य कर्मचारी और डाटा प्रबंधक आदि शामिल हैं। विभाग का अपना पीएचडी कार्यक्रम है जो वर्ष 2016 के दौरान, तीन शोधार्थियों द्वारा पीएचडी कार्यक्रम के विभिन्न चरणों में जारी था। विभाग की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी और वर्ष 2017 में इसने अपनी रजत जयंती मनाई है।
विभाग ने ऐसी टीमों को कार्य सौंपा है जो पूरी दिल्ली में चिन्हित स्थानों में गरीब और कमजोर समुदायों को प्राथमिक नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं। इन केंद्रों को स्थानीय राज्य सरकार और विभिन्न सहयोगी गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से समुदायों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने हेतु चिन्हित किया गया है। विभाग दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों (एनसीआर क्षेत्र में) में रीच-इन कार्यक्रम के तहत व्यापक नेत्र शिविर आयोजित करता है। मरीजों को इन केंद्रों/शिविरों के साथ प्रबंधित किया जाता है, और उन्हें उसी समय दवाएं और अनुवर्ती सेवाएं प्रदान की जाती हैं। मोतियाबिंद सर्जरी की आवश्यकता वाले मरीजों को आरपी केंद्र में ले जाया जाता है और भर्ती कराया जाता है, तथा नि:शुल्क सर्जरी प्रदान की जाती है। रा. प्र. केंद्र में विभिन्न नेत्र संबंधी उप-विशिष्टताओं के तहत उपचार की आवश्यकता वाले रोगियों के उपचार का समर्थन करने के लिए विशेष व्यवस्था प्रदान की जाती है। विभाग द्वारा आयोजित अल्प दृष्टि स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के तहत, दृष्टि विकलांगता वाले लोगों को परामर्श के रूप में अल्प दृष्टि वाले सहायक उपकरण और दृष्टि स्वास्थ्य उपचार सेवाएं, तथा विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने, गतिशीलता और अभिविन्यास प्रशिक्षण, दैनिक जीवन प्रशिक्षण की गतिविधियों और पर्यावरण के लिए सलाह और प्रकाश संशोधन आदि सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। समुदाय आधारित स्वास्थ्य उपचार विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के साथ नेटवर्किंग सिस्टम के माध्यम से भी संचालित किया जाता है।
ऐतिहासिक तौर पर, सामुदायिक नेत्रविज्ञान विभाग लॉयंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन के साथ एलएसएच एवं टीएम, जनशक्ति और प्रबंधन प्रशिक्षण के सहयोग से आयु से संबंधित आंखों की बीमारियों और इसके आनुवांशिक घटक पर विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के दृष्टिहीनिता सर्वेक्षण, आईएनडीईवाईई और आईएनडीजीईएन अध्ययन में लगी हुई है, साथ ही ओआरबीआईएस के साथ परिचालन अनुसंधान अध्ययन, नेत्र देखभाल बुनियादी ढांचे का परिस्थिति मूल्याँकन, कॉर्नियल अस्पष्टता ग्रामीण महामारी विज्ञान (कॉर्नियल ओपैसिटी रूरल एपिडेमीओलॉजिकल) (कोर) अध्ययन, उत्तर भारत मायोपिया अध्ययन (एनआईएमएस), प्राथमिक नेत्र देखभाल में प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भी कार्य जारी है। आईएनडी-वीएफक्यू जैसे अभिनव उपकरण, देश में मोतियाबिंद शल्य चिकित्सा परिणामों का आकलन करने के लिए एक राष्ट्रीय निगरानी यूनिट, प्राथमिक नेत्र देखभाल पर आईईसी सामग्री भी विकसित की गई है और विभाग द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा है। आईसीएमआर, डीएसटी जैसी राष्ट्रीय एजेंसियाँ समुदाय आधारित अनुसंधान कार्य में सहयोग प्रदान कर रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन और ट्रोपिकल मेडिसिन, यूके, वेलकम ट्रस्ट, ओआरबीआईएस, साइटसेवर, ऑपरेशन आईसाइट यूनिवर्सल, सीबीएम, लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन इत्यादि जैसे अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ निकटतम सहयोग स्थापित किया गया है।
पीएचडी स्कॉलर्स (अध्येता) और शोध (थीसिस) शीर्षक
नाम |
शोध विषय |
नामांकित वर्ष |
डॉ. नीना जॉन |
भारत में मोतियाबिंद संबंधी अंधापन को समाप्त करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञों के प्रक्षेपण के लिए एक एकीकृत मॉडल |
2005-2009 |
श्रीमती वसुंधरा मिश्रा |
दिल्ली के शहरी स्लम में सामान्य नेत्र स्थितियों के बारे में स्वास्थ्य के लिए प्रयास और जागरूकता संबंधी अध्ययन |
2010- |
डॉ. नूपुर गुप्ता |
कॉर्निया अस्पष्टता पर समुदाय आधारित महामारी विज्ञान का अध्ययन |
2010-14 |
डॉ मीनाक्षी गंगवानी |
दिल्ली में 5-15 वर्ष की आयु के बच्चों के दृश्य विकार पर महामारी विज्ञान अध्ययन |
2015- |
डॉ. पल्लवी शुक्ला |
प्राथमिक नेत्र देखभाल (प्रस्तावित) में समुदाय आधारित स्वयंसेवकों को शामिल करना |
2015- |
सामुदायिक नेत्र विज्ञान दल
खेड़ा, गुजरात में राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता सर्वेक्षण के लिए श्रीमती धरित्री पांडा संयुक्त सचिव (एनपीसीबी)
एनपीसीबी राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता सर्वेक्षण (2015-18) और एनपीसीबी राष्ट्रीय ट्रेकोमा सर्वेक्षण (2013-17) में शामिल जिले
सीतापुर, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ट्रेकोमा सर्वेक्षण
आँखों की प्राथमिक देखभाल (आई केयर) हेतु आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण
रा. प्र. केंद्र और पीईसी क्लीनिक में स्वास्थ्य शिक्षा गतिविधियाँ
विकसित किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल, मैनुअल और कार्य योजना
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