मोतियाबिंद, अपवर्तक सर्जरी, विट्रो-रेटिना, यूवीईए और आरओपी
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मोतियाबिंद, अपवर्तक सर्जरी, विट्रो-रेटिना, यूवीईए और आरओपी |
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आचार्य एवं अध्यक्ष |
आचार्य सुदर्शन खोखर |
संकाय सदस्य |
आचार्य राजपाल |
आचार्य प्रदीप वेंकटेश |
डॉ. रोहन चावला |
यह यूनिट बच्चों और वयस्कों के मोतियाबिंद, रिफ्रैक्टिव विकारों (शल्य चिकित्सा प्रबंधन) और विट्रो-रेटिना विकारों के प्रबंधन के लिए व्यापक सेवाएं प्रदान करती है। साथ ही यह यूनिट लैंस क्लिनिक, रिफ्रैक्टिव सर्जरी क्लिनिक, रेटिना क्लिनिक, यूवीआइटिस क्लिनिक और आरओपी क्लिनिक जैसे कई विशेष क्लीनिक का संचालन करती है।
बच्चों के सभी प्रकार के मोतियाबिंद के मामलों को लैंस क्लिनिक में देखा जाता है और उपचार किया जाता है। इनमें बाईलैटरल जन्मजात मोतियाबिंद, सिंड्रोमिक मोतियाबिंद, मेटाबोलिक, जटिल और यूनिलैटरल मोतियाबिंद शामिल हैं। दीर्घकालिक पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल सहित आवश्यक रीफ्रैक्टिव सुधार और एम्ब्लोपिया उपचार भी प्रदान किया जाता है। जटिल वयस्क मोतियाबिंद के मामलों, जैसे कि सब्लक्सेटेड मोतियाबिंद वाले लोगों की भी देखभाल की जाती और उन्हें प्रबंधित किया जाता है। लैंस क्लिनिक हर गुरुवार को दोपहर 2 बजे से संचालित किया जाता है, जिसमें बच्चों और जटिल मोतियाबिंद से पीड़ित वयस्कों, दोनों के लैंस संबंधी रोगों का उपचार किया जाता है।
यूनिट अत्याधुनिक कला रिफ्रैक्टिव क्लिनिक का भी संचालन करती है। यह मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज़्म के सुधार के लिए सभी रीफ्रैक्टिव मामलों का उपचार करता है। सभी नवीनतम लेजर और रिफ्रैक्टिव सर्जरी जैसे कि फिमटोसेकेंड लैसिक, फिमटोसेकेंड लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी (एफएलएसीएस) और लघु शल्य लेंटीक्यूल एक्सट्रेक्शन (एसएमआईएलई) का उपयोग करके मोतियाबिंद का उपचार बहुत ही मामूली लागत पर किया जाता है। आईसीएल सर्जरी, फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी (पीआरके), और इंट्रास्ट्रोमल कॉर्नियल रिंग सेगमेंट (आईसीआरएस) जैसी अन्य रिफ्रैक्टिव प्रक्रियाएं भी आवश्यकतानुसार संचालित की जाती हैं। रिफ्रैक्टिव क्लिनिक प्रत्येक सोमवार सुबह 9 बजे से संचालित होता है।
रेटिना क्लिनिक का उद्देश्य चिकित्सा और शल्य सर्जिकल रेटिना समस्याओं वाले रोगियों का परीक्षण करना और उनके उचित उपचार की योजना बनाना है। मेडिकल रेटिना में विशेषज्ञता के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं, मधुमेह रेटिनोपैथी, आयु संबंधित मैकुलर डिजनरेशन, रेटिनल वस्कुलर ब्लॉक और रेटिना डिजेनेशन तथा डिस्ट्रॉफी का प्रबंधन। सर्जिकल रेटिना के मामलों जैसे साधारण या जटिल रेटिनल डिटेचमेंट्स, मैकुलर होल, इंट्राओकुलर बाहरी वस्तु और एंडोओप्थाल्टाइटिस इत्यादि, जिन्हें सबसे आधुनिक सूक्ष्म इन्सिशन विट्रो-रेटिनाल सर्जरी प्लेटफॉर्म के साथ प्रबंधित किया जाता है। यूनिट के सर्जन नवीनतम माइक्रोसर्जिकल तकनीक और लेजर का उपयोग करके इन सभी जटिल मामलों के उपचार में दक्ष हैं। यूनिट के सभी सर्जन 25-गेज चिकित्सीय औजारों व उपकरणों का उपयोग करते हैं, जो कि न्यूनतम तौर पर इन्वेसिव विट्रो-रेटिना सर्जरी है। हमने कुछ मामलों के लिए 27-जी विट्रो-रेटिना सर्जरी भी संचालित की है और इसके उपयोग में वृद्धि जारी रहेगी। रेटिना क्लिनिक गुरुवार और शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से संचालित किया जाता है।
यूवाइटिस क्लिनिक इंट्राओकुलर सूजन के मामलों की देखरेख करता है। ये संक्रामक या ऑटोइम्यून एटियोलॉजी से संबन्धित हो सकता है। इन पुराने विकारों के निदान के लिए दीर्घकालिक उपचार रणनीतियों को अत्याधुनिक नेत्र संबंधी नैदानिक उपकरणों की सहायता से उपयोग में लाया जाता है। यूवीईए क्लिनिक सोमवार को 2 बजे से संचालित होता है।
समय पूर्व होने वाली रेटिनोपैथी (आरओपी) एक ऐसी बीमारी है जो जीवनकाल के लिए अंधेपन का कारण बन सकती है। आरओपी की घटनाएं हमारे देश में काफी बढ़ रही हैं। समय-पूर्व पैदा हुए शिशुओं के परीक्षण और उपचार के लिए बहुत अधिक कौशल और धैर्य की आवश्यकता होती है। आरओपी के जटिल मामलों के प्रबंधन हेतु हमारी यूनिट के सर्जनों को विशेष प्रशिक्षण हासिल है। आरओपी क्लिनिक सोमवार और गुरुवार को 2 बजे से संचालित होता है।
गुणवत्तायुक्त स्नातकोत्तर शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान हमारे अन्य महत्वपूर्ण ध्यान के क्षेत्र हैं।