दंत शिक्षा अनुसंधान केन्द्र
प्रोफ। ओ पी खरबंदा
प्रमुख, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष
वर्तमान में केन्द्र द्वारा 4 विशेषज्ञताओं में पीजी पाठ्यक्रम प्रस्तावित किए जाते हैं, जो हैं
- ऑर्थोडोंटिक और डेंटोफेशियल आर्थोपेडिक्स
- प्रॉस्थोडोंटिक्स
- संरक्षात्मक दंत चिकित्सा और एंडोडोंटिक्स
- मौखिक और मैक्सिलो फेशियल सर्जरी
इसका लक्ष्य निरंतर शिक्षा पाठ्यक्रमों के आयोजन और दंत चिकित्सा अनुसंधान में नेतृत्व प्रदान करने के अलावा दंत चिकित्सा की सभी नौ विशेषज्ञताओं में स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रम (एमडीएस) प्रदान करना है।
विभिन्न विभागों का परिचय
संरक्षात्मक दंत चिकित्सा और एंडोडोंटिक्स विभागसंरक्षात्मक दंत चिकित्सा और एंडोडोंटिक्स विभाग हमेशा अग्रणी रहा है और इसे रोगी की गुणवत्तापूर्ण देखभाल, अध्यापन, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए दंत शिक्षा और अनुसंधान केन्द्र (सीडीईआर)में उत्कृष्टतम विभागों में से एक माना जाता है। दंत शल्य चिकित्सा में स्नातकोत्तर (एमडीएस) की शुरूआत जनवरी 2004 में की गई थी। इस विभाग में देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले रेजीडेंट डॉक्टर कार्य करते हैं। यहां अति आधुनिक मशीनरी लगाई गई है, जिसमें सर्जिकल माइक्रोस्कोप, नियमित प्रक्रियाओं के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी तथा ब्लीचिंग की सुविधा शामिल है। यहां प्रति दिन विशेष ओपीडी और स्नातकोत्तर क्लिनिक चलाए जाते हैं। इस विभाग द्वारा रोगी देखभाल, शिक्षा और अनुसंधान में अपने उच्च मानकों की स्थापना की गई है। जूनियर रेजीडेंट नियमित रूप से उपदेशात्मक अध्यापन गतिविधियों में भाग लेते हैं। ये गतिविधियां सप्ताह में तीन दिनों तक की जाती हैं, जिसमें गोष्ठियां, जर्नल क्लब और प्रकरण पर चर्चा शामिल है। यह प्रकरण की क्लिनिकल चर्चा के आधार पर दैनिक अध्यापन गतिविधियों के अलावा होती है। विभाग द्वारा उन सभी रोगियों को आधुनिकतम विधि द्वारा नर्मी से देखभाल प्रदान की जाती है जिन्हें विशेष सेवा की आवश्यकता है। हम अध्यापन और अनुसंधान में शैक्षिक उत्कृष्टता तथा विशेषज्ञता में अग्रणी बनने के लिए वचनबद्ध हैं। विभाग द्वारा हमारी विशेषज्ञता के विकास और उसे बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान दिया गया है तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में इसका प्रतिनिधित्व किया जाता है। हमारा उद्देश्य एक अनुकूल परिवेश का विकास करना है जो व्यक्तिगत और व्यावासयिक गर्व, संतुष्टि और वृद्धि को पोषण दे सके। |
ऑर्थोडोंटिकऔर डेंटोफेशियल विकृतिविभागएमडीएस ऑर्थोडोंटिक्स का पाठ्यक्रम प्रति वर्ष दो प्रवेश के साथ 1986 में एम्स के दंत चिकित्सा में प्रथम स्नातकोत्तर कार्यक्रम के तौर पर आरंभ किया गया गया था। यह पूर्ण कालिक तीन वर्षीय रेसीडेंसी कार्यक्रम है जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर खुली प्रतियोगिता के माध्यम से प्रवेश लिया जाता है। इस कार्यक्रम में प्रकरण चयन निदान, इलाज की योजना और कार्यात्मक तथा आधुनिकतम समकालीन नियत और आधुनिक तकनीकों की किस्मों के साथ इस प्रमुख बल दिया जाता है। एम्स के एमडीएस ऑर्थोडोंटिक्स कार्यक्रम में अंतर्रोध की समस्या और डेंटोफेशियल विकृति के इलाज के सभी पक्षों पर समेकित पाठ्यचर्या बनाई गई है। विभाग में कटे हुए होंठ और तालु के अंतरविषयक प्रबंधन पर सशक्त क्लिनिकल और अनुसंधान बल दिया जाता है। एक अनिवार्य अनुसंधान शोध प्रबंध एक पूर्व आवश्यकता है जिसे अंतिम परीक्षा के 6 माह पहले जमा किया जाता है और इसका मूल्यांकन पाठ्यचर्या का एक महत्वपूर्ण घटक है। |
बाल रोग और निवारणात्मक दंत चिकित्सा विभागबाल रोग और निवारणात्मक दंत चिकित्सा विभाग का लक्ष्य बच्चों के मौखिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए रोकथाम के सार्वभौमिक स्वीकृति सिद्धांतों के मार्ग को अपनाना है। पीडोडोंटिक्स का केन्द्रीय विचार मौखिक स्वास्थ्य को सामान्य स्वास्थ्य के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में मान्यता देना है। विभाग मौखिक रोगों जैसे दांतों में सड़न, दांतों के आस पास के रोग, अंतर्रोध की समस्या और अभिघातपूर्ण चोटों की रोकथाम और शीघ्र हस्तक्षेप में विश्वास रखता है। विभाग द्वारा हमारे समाज के लाभवंचित वर्ग की जरूरतें पूरी की जाती हैं और विशेष जरूरतों वाले बच्चों और चिकित्सा दृष्टि से अक्षम लोगों को उचित देखभाल प्रदान की जाती है। इस केन्द्र में पूर्व सहयोगात्मक आयु समूह के बच्चों और विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों को बेहोशी के प्रभाव में व्यापक मौखिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जाती है। पूर्व सहयोगात्मक आयु समूह के बच्चों के प्रबंधन में दक्ष व्यवहार प्रबंधन से सहायता मिलती है। दांतों की समस्याओं के लिए चिकित्सीय देखभाल प्रदान करने के अलावा यह इकाई माता पिता को शिक्षित करने और समय समय पर मौखिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा दांतों के रोगों की रोकथाम की दिशा में कार्य करती हैं। दंत चिकित्सा की नई सामग्री और नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग सहित बाल रोगियों को उत्कृष्ट दंत चिकित्सा प्रस्तावित करने के लिए संक्रमण पर नियंत्रण के उच्चतम मानक अपनाए जाते हैं। |