प्रो. ओ पी खरबंदा
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प्रो. ओ पी खरबंदा
डीएस, एमडीएस (लखनऊ), एम. ऑर्थ आरसीएस (एडिनबर्ग), एम मेड (डुंडी), एफएएमएस, एमएएमएस, एफसीआईडी
इंडियन बोर्ड ऑफ ऑर्थोडोंटिक्स अध्येता, ऑनरिस कौसा
डॉ. ओ पी खरबंदा ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से अपना बीडीएस (1976) और एमडीएस (1978), पाठ्यक्रम ऑनर्स के साथ पूरा किया। उन्होंने अध्ययन जारी रखा और एम ऑर्थ आरसीएस (एडिनबर्ग) 2000 से उत्तीर्ण किया तथा चिकित्सा शिक्षा के लिए जाने माने डुंडी विश्वविद्यालय से मेडिकल एजुकेशन (एम मेड) 2006 में पूरा किया। डॉ. खरबंदा पहले दंत चिकित्सा संकाय सदस्य हैं जिन्होंने मेडिकल एजुकेशन में डिग्री प्राप्त की है। इस क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता के लिए वे एडजंक्ट प्रोफेसर और एम्स के केएल विज सेंटर फॉर मेडिकल एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी के समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं।
डॉ. खरबंदा 1985 से एम्स में कटे हुए होंठ और तालु की देखभाल में शामिल रहे हैं। उन्हें मेंचेस्टर (1995) से कटे हुए अंग की देखभाल पर ब्रिटिश राष्ट्रमंडल अध्येतावृत्ति प्राप्त हुई है और वे अमेरिकन क्लेफ्ट पैलेट क्रेनियोफेशियल एसोसिएशन (1998) के अतिथि विद्वान पुरस्कार से सम्मानित किए गए हैं। उन्होंने भारत में अंतर्विषयक कटे हुए अंग की देखभाल को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वे टी इलेक्ट ऑफ इंडियन सोसाइटी और क्लेफ्ट लिप, पैलेट एण्ड क्रेनियोफेशियल एनोमेलिज़ के अध्यक्ष हैं। वे एशियन क्लेफ्ट पैलेट एण्ड क्रेनियोफेशियल कॉन्ग्रेस 2007 के उपाध्यक्ष थे। वे एम्स में “कम्बाइंड क्लेफ्ट पैलेट क्लिनिक“ के निदेशक हैं।
डॉ. खरबंदा 1986 से स्नातकोत्तर अध्यापक हैं और उन्होंने एम्स तथा यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में 50 से अधिक शोध प्रबंधों का पर्यवेक्षण किया है जहां उन्होंने 2000-2003के दौरान कार्य किया। प्रोफेसर खरबंदा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 100 से अधिक प्रकाशन किए हैं। वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याख्यान देते हैं। डॉ. खरबंदा जर्नल ऑफ इंडियन ऑर्थोडोंटिक सोसाइटी के पूर्व मुख्य संपादन हैं। डॉ. खरबंदा ऑथोडोंटिक्स की विश्व प्रसिद्ध पत्रिकाओं के अंतरराष्ट्रीय संपादकीय मंडल में हैं, जो हैं अमेरिकन जर्नल ऑथोडोंटिक्स एण्ड डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स, जर्नल ऑफ ऑर्थोडोंटिक्स एण्ड ऑस्ट्रेलियन ऑर्थोडोंटिक जर्नल। वे संदर्भ व्यक्ति के रूप में भी इन पत्रिकाओं का कार्य करते हैं। प्रो. खरबंदा जर्नल ऑफ क्लिनिकल पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (यूएसए) के सह संपादक और जर्नल ऑफ इंडियन ऑर्थोडोंटिक सोसाइटी के परामर्श संपादक भी हैं।
उनकी मुख्य अनुसंधान रुचियां गैर निष्कर्षण उपचार, कार्यात्मक उपकरणों का दीर्घ अवधि परिणाम तथा ऑर्थोडोंटिक रूट रिजॉर्प्शन और कटे हुए अंग वाले रोगियों के उपचार परिणाम में है। उन्हें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से प्रतिष्ठित शकुंतला अमीर चंद पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
प्रोफेसर खरबंदा दिल्ली के ओएसजीओडी के ऑर्थोडोंटिक अध्ययन समूह के संस्थापक समन्वयक हैं। प्रो. खरबंदा 44वें भारतीय ऑर्थोडोंटिक सम्मेलन 2009, नई दिल्ली की वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष हैं। वे इलेक्ट ऑफ इंडियन ऑर्थोडोंटिक सोसाइटी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ऑर्थोडोंटिस्ट्स 2010 सिडनी के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में वैज्ञानिक समिति की सह अध्यक्षता की और वे यह सम्मान पाने वाले प्रथम भारतीय हैं।