अध्यापन
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एम्स द्वारा काय चिकित्सा, नर्सिंग और संबंधित क्षेत्रों में स्नातक स्तर के विभिन्न पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं और लगभग सभी मूलभूत और क्लिनिकल चिकित्सा विशेषज्ञताओं और सुपर स्पेशियलिटीज में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश पूरे देश में आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर दिया जाता है। |
एम्स द्वारा प्रदान किए जाने वाले अध्ययन के विभिन्न पाठ्यक्रम |
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एम्स द्वारा विभिन्न स्तरों पर विभिन्न पाठ्य क्रम प्रस्तावित किए जाते हैं। एम्स में कुल मिलाकर 42 विषय पढ़ाए जाते हैं। इन विभिन्न श्रेणियों में शामिल हैं :
स्नातक पाठ्यक्रम (यूजी) |
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजी) |
एमबीबीएस | एमडी, एमएस और एमडीएस |
बी.एससी. (ऑनर्स) मानव जीवविज्ञान : | डीएम और एमएसएच |
नर्सिंग, ऑडियोमेट्री, नेत्र, तकनीक, और रेडियोग्राफी में बी. एससी पाठ्यक्रम | विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम. एससी) डिग्री |
जैव प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर डिग्री (एम बायोटेक) | |
डॉक्टर ऑफ फिलॉस्फी (पीएच डी) |
स्नातक पाठ्यक्रम
एमबीबीएस
एम्स के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में हर वर्ष 50 छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। हमारे एमबीबीएस छात्र सावधानीपूर्वक चुने जाते हैं जो निरंतर कठिन परिश्रम के मानक बनाए रखने के लिए वचनबद्ध मेधावी और सक्षम छात्र होते हैं। उन्हें केवल ज्ञान के रास्ते के साथ थोड़े से मार्गदर्शन की जरूरत होती है। अध्यापन – अध्ययन की प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय भागीदारी द्वारा उनकी पहल और उत्सुकता को जीवंत बनाए रखा जाता है। अपने अवकाश के दौरान भी उन्हें स्वयं को जागृत बनाए रखने का अवसर मिलता है। संकाय इन अत्यंत उत्सुक और प्रतिबद्ध युवाजनों को इस अंतहीन धारा के साथ उपलब्ध विचारों और ऊर्जा को मार्ग प्रदान करने के लिए इच्छुक और तत्पर है। जबकि, उन्हें काय चिकित्सा के अभ्यास का प्रशिक्षण दिया जाता है, हम सुनिश्चित करते हैं कि वे प्रयोजन पूरा करते हैं। पुन:, काय चिकित्सा का विज्ञान और शिल्प कार्य बीमारी के प्रति मानवीय मार्ग को जोड़ा जाता है। हमारे छात्रों में अनिवार्य करुणा को विकसित करने के लिए पाठ्यक्रम काय चिकित्सा से परे जाकर कार्य करने की प्रेरणा दी जाती है और इसमें विज्ञान और मनोविज्ञान को भी शामिल किया जाता है। संक्षेप में स्नातक स्तर की काय चिकित्सा शिक्षा प्रतिस्पर्द्धा और कभी-कभार विवाद पैदा करने वाले प्रयासों की अनेक धाराओं का मिश्रण है। हम इस मिश्रण को यथा संभव सुमेलित बनाने का प्रयास करते हैं। हम सक्षम और देखभाल करने वाले डॉक्टर तैयार करने के इच्छुक है जो इन विशेषताओं के साथ रचनात्मक क्षमताओं को भी विकसित कर सकें। यह आश्चर्यजनक नहीं है कि 1997 में इंडिया टुडे-ऑर्ग-मार्ग द्वारा आयोजित सर्वेक्षण में एम्स्ा को भारत का सर्वोत्तम चिकित्सा महाविद्यालय कहा गया था। |
मंत्री महादेय तथा एम्स के अध्यक्ष, श्री सलीम इकबाल शेरवानी से डिग्री प्राप्त करती हुई छात्रा |
बी.एससी. (ऑनर्स) मानव जीवविज्ञान :
एम्स देश का एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां मानव जीव विज्ञान में बी.एससी (ऑनर्स) पाठ्यक्रम चलाया जाता है। इस पाठ्यक्रम का लक्ष्य उच्च प्रवीणता प्राप्त युवा वैज्ञानिकों को तैयार करना है जो मूलभूत चिकित्सा और आधुनिक जीव वैज्ञानिक तकनीकों से परिचित हों। इनमें से कुछ स्नातक अंतत: मूलभूत काय चिकित्सा में मेडिकल स्कूल के अध्यापन पदों को भर सकते हैं। इसके अलावा उनसे भविष्य में अनुसंधान में अग्रणी बनने की भी उम्मीद होती है, खास तौर पर जैव प्रौद्योगिकी तथा आण्विक जीव विज्ञान जैसे उभरते क्षेत्रों में। |
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शरीर क्रिया विज्ञान में वस्तु निष्ठ संरचना की व्यवहारिक परीक्षा (ओ एस पी आई) देते हुए छात्र |
नर्सिंग, ऑडियोमेट्री, नेत्र, तकनीक, और रेडियोग्राफी में बी. एससी पाठ्यक्रम :
ये स्नातक पूर्व पाठ्यक्रम सुयोग्य कार्मिक तैयार करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिन के बिना कोई स्वास्थ्य देखभाल दल पूरा नहीं हो सकता है। |
नियोनेटोलॉजी में वस्तु निष्ठ संरचना की क्लिनिकल परीक्षा (ओ एस पी आई) की प्रगति |
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
एमडी, एमएस और एमडीएस :
एम्स में सभी स्नातकोत्तर छात्र संभावित अध्यापक और अनुसंधान कार्यकर्ता हैं। वे संस्थान में अपने कार्यकाल के दौरान न केवल काय चिकित्सा या शल्य चिकित्सा की शाखा में सक्षमता अर्जित करते हैं, बल्कि वे अध्यापन और अनुसंधान में भी दिलचस्पी लेते हैं। स्नातकोत्तर छात्र अनुसंधान का एक छोटा सा भाग पूरा करते हैं जिसे खोज की कठिन और धीमी प्रक्रिया से परिचय के मार्गदर्शन के रूप में लिया जाता है। एम्स स्नातकोत्तर छात्रों के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत में भी अग्रणी है। रोगी देखभाल प्रदान करते समय ये डॉक्टर अपनी उपाधियों के साथ औपचारिक प्रशिक्षण और शिक्षा भी प्राप्त करते हैं। वर्तमान में संस्थान में 55 अलग अलग विशेषज्ञताओं में स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान की जाती है।. |
डीएम और एमएसएच :
एम्स की ओर से चिकित्सा और शल्य चिकित्सा विषयों में बड़ी संख्या में सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम भी प्रस्तावित किए जाते हैं (डीएस और एमसीएच क्रमश: इस प्रकार हैं)
कार्डियोलॉजी | गैस्ट्रोएंटरोलॉजी |
कार्डियोथोरेसिक सर्जरी | एंडोक्राइनोलॉजी |
न्यूरोलॉजी | नेफ्रोलॉजी |
न्यूरोसर्जरी | मेडिकल सर्जरी |
पीडियाट्रिक सर्जरी |
विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम. एससी) डिग्री:
जैव प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर डिग्री (एम बायोटेक) :
यह दो वर्षीय पाठ्यक्रम 1986 में आरंभ हुआ था। यह नया उद्यम एक उभरता हुआ विषय है, जिसे टीका उत्पादन जैसे उच्च विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों के लिए आवश्यक वैज्ञानिक केडर तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया था। |
डॉक्टर ऑफ फिलॉस्फी (पीएच डी) :
पीएच.डी. छात्र उच्च गुणवत्ता का व्यापक अनुसंधान करते हैं, जिसमें वे 5 वर्ष तक का समय ले सकते हैं। एमडी / एमएस और एम. एससी. / एम. बायोटेक पाठ्यक्रमों में व्यापकता पर बल दिया जाता है, जबकि पीएच.डी. में गहराई पर बल दिया जाता है। छात्र एक बारीक क्षेत्र तक गहराई में उतरते हैं, जिसके साथ वे जीवन भर जुड़े रह सकते हैं। |
बी.एससी. (ऑनर्स) मानव जीवविज्ञान:
कार्डियोलॉजी