अंत:स्राविकी, चयापचय और मधुमेह
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अंत: स्राविकी एवं चयापचय विभाग एम्स में 1964 में प्रो. एम एम एस आहुजा के नेतृत्व में आंतरिक चिकित्सा की उप विशेषज्ञता के रूप में आरंभ कियागया था। इसे 1986 में एक विभाग का दर्जा दिया गया। विभाग में रोगी देखभाल शिक्षा और अनुसंधान की उत्कृष्ट सुविधाएं हैं। इसने मधुमेह, थाइरॉइड, चयापचय अस्थि रोग, बाल रोग और किशोर अंत: स्राविकी के क्षेत्रों में अग्रणी कार्य किया है।