शिक्षा
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विभाग के संकाय सदस्य संस्थान में विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए जैव सांख्यिकी और जन सांख्यिकी विधियों तथा चिकित्सा जनसांख्यिकी के अध्यापन में शामिल हैं। ये पाठ्यक्रम प्रत्येक सेमिस्टर, प्रत्येक वर्ष के दौरान चलाए जाते हैं। इनमें से कुछ पाठ्यक्रमों में जैव सांख्यिकी के संपूर्ण प्रश्न पत्र होते हैं। इन पाठ्यक्रमों के विवरण निम्नानुसार हैं :
इसके अलावा, इसके साथ उर्वरता और मृत्युदर मापनों एवं जीवन तालिका की व्याख्या विधि और परिवार नियोजन मूल्यांकन अध्ययनों पर दो संयुक्त संगोष्ठियां एमबीबीएस कार्यक्रम के क्लिनिकल चरण के दौरान सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र (सीसीएम) के सहयोग से आयोजित की गई हैं। नर्सिंग में स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम और रेडियोग्राफी में चिकित्सा प्रौद्योगिकी में बी.एससी. (ऑनर्स) इन दोनों क्षेत्रों में लागू मूल भूत सांख्यिकी तकनीकों में तीस घण्टे के व्याख्यान और कक्षाकक्ष प्रायोगिक अभ्यास कराए जाते हैं।क्र. सं. | पाठ्यक्रम का नाम | पाठयक्रमविवरण |
1 | स्नातक पाठ्यक्रम | एम.बी.बी.एस
विभाग द्वारा जैव सांख्यिकी और जीवंत तथा स्वास्थ्य सांख्यिकी के सिद्धांतों में 25 घण्टों की अवधि में विस्तारित निर्दिष्ट पाठ्यक्रमों के भाग के रूप में दो अल्पावधि पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं और इनमें व्याख्यान तथा कक्षाकक्ष समस्या को सुलझाने के अभ्यास शामिल हैं। |
2. | स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम | सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र
एम.डी. कार्यक्रमों के 3 वर्षों के दौरान 200 घण्टों की अवधि में अध्ययन के निम्नलिखित चार पाठ्यक्रम नियमित तौर पर चलाए जाते हैं। इन पाठ्यक्रमों में कक्षाकक्ष के व्याख्यान, समस्या सुलझाने के अभ्यास और छात्र प्रस्तुतीकरण एवं संगत प्रकाशित सामग्री पर चर्चा शामिल है।
इन नियमित पाठ्यक्रमों के अलावा विभाग के संकाय सदस्य पत्रिका क्लब सत्रों तथा सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र में शोध पत्र समीक्षा सत्रों में नियमित रूप से भाग लेते हैं। |
3 | एम. बायोटेक और एम.एससी. (नर्सिंग)
एम. बायोटेक और एम.एससी. (नर्सिंग) के छात्रों के लिए प्रत्येक वर्ष जुलाई सत्र के दौरान 45 घण्टों के व्याख्यान और कार्य शामिल हैं। पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को उनके विषयों के लिए संगत जैव सांख्यिकी मूलभूत बातें सिखाई जाती हैं। इस पाठ्यक्रम का मूल्यांकन अंत में किया जाता है। |
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4 | अन्य स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
विभाग द्वारा स्नातकोत्तर छात्रों के लिए चिकित्सा अनुसंधान डेटा के संग्रह, विश्लेषण और प्रस्तुतीकरण में अनुसंधान अध्ययनों की डिजाइन तथा चुनी हुई जैव सांख्यिकी तकनीकों पर वर्ष में दो बार वैकल्पिक पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। अनुसंधान परियोजनाओं की डिजाइन में पाठ्यक्रम के छ: व्याख्यान अक्तूबर-नवम्बर माहों में दिए जाते हैं तथा अनुसंधान परियोजनाओं की डिजाइन और डेटा के विश्लेषण में पाठ्यक्रम के 14 व्याख्यान दिए जाते हैं, जिनमें दो प्रायोगिक सत्र शामिल हैं, जिनका आयोजन प्रति वर्ष फरवरी-मार्च माह में किया जाता है। अनुसंधान कर्मचारी और संकाय सदस्य भी स्नातकोत्तर छात्रों के साथ इस पाठ्यक्रम में भाग लेते हैं। ये पाठ्यक्रम क्लिनिकल विभागों के छात्रों और कर्मचारियों की सुविधानुसार शाम 5.15 से 6.30 के बीच चलाए जाते हैं। विभाग द्वारा समय समय पर मांग होने पर जैविक आमापनों, उत्तर जीविता विश्लेषण, जनसांख्यिकी विधियों और अन्य अनुप्रयोग तकनीकों पर विशेष रूप से तैयार किए गए पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं जिसमें फार्मेकोलॉजी, जैव प्रौद्योगिकी, प्रजनन जीव विज्ञान, जैव रसायन, जठरांत्र विज्ञान, रोटरी कैंसर अस्पताल संस्थान और संवेदनाहरण विज्ञान के छात्र भाग लेते हैं। |
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5 | नैदानिक जानपदिक रोग विज्ञान यूनिट (सीईयू) प्रशिक्षण कार्यक्रम:
उपरोक्त उल्लिखित पाठ्यक्रमों के अलावा विभाग के सभी संकाय सदस्य एम्स की नैदानिक जानपदिक रोग निदान इकाई (सीईयू) में आयोजित प्रशिक्षण गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। सीईयू द्वारा समय समय पर एम्स तथा अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों और संस्थानों के संकाय एवं अनुसंधान वैज्ञानिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है तथा विभाग के संकाय सदस्य इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में संसाधन व्यक्तियों के रूप में भाग लेते हैं। |
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6 | सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) |
विभाग के संकाय सदस्य, देश के विभिन्न भागों और विदेशों के सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रमों, गोष्ठियों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों तथा पूर्व सम्मेलन पाठ्यक्रमों एवं कार्यशालाओं में भाग लेते हैं एवं व्याख्यान देते हैं। |