रुधिर विज्ञान
- Last Updated On :
रुधिर विज्ञान विभाग की स्थापना जनवरी 1989 में की गई थी। यह क्लिनिकल और प्रयोगशाला संकाय सदस्यों के एक ही स्थान पर कार्य करने वाला एक अनोखा विभाग है जहां बेहतर समन्वय, रेजीडेंट प्रशिक्षण और अनेक प्रकार की अनुसंधान गतिविधियों को देखा जा सकता है। यह एक मात्र ऐसा विभाग है जो देश में अनोखा है। यहां ओपीडी, दिवस देखभाल केन्द्र और आंतरिक रोगियों को क्लिनिकल सुविधाएं प्रदान की जाती है।
मेडिसिन पाठ्यक्रमों में डॉक्टरेट की शुरूआत मेडिसिन या बाल रोग में एमडी या हिमेटोलॉजी के लिए मेडिसिन पाठ्यक्रमों में डॉक्टरेट रखने वाले रेसीडेंट, जिनके पास विकृति विज्ञान में एमडी की डिग्री है, हेतु की गई है।
एमडी विकृति विज्ञान रेसीडेंट के लिए हिमेटोपैथोलॉजी पाठ्यक्रम और आण्विक जीव विज्ञान के क्षेत्रों के लिए पीएच. डी पाठ्यक्रमों का आयोजन भी इस विभाग में किया जाता है। विभाग में स्वयं के एसओपी तथा प्रोटोकॉल हैं। विभाग को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर हिमोग्राम के लिए बाह्य गुणवत्ता आकलन कार्यक्रम हेतु राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड द्वारा नोडल केन्द्र के रूप में चुना गया है। विभाग शेफील्ड, यूके से हिमेटोलॉजिकल जांचों के लिए गुणवत्ता आकलन कार्यक्रम का एक भाग है।
हिमेटोलॉजी विभाग विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों में शामिल हैं, जो हैं थैलिसेमिया, हिमोफिलिया, थ्रोम्बोफिलिया, एप्लास्टिक एनीमिया, ल्यूकेमिया, आईटीपी आदि। विभाग में 6 संकाय सदस्य हैं, एक वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी, एक पूल अधिकारी, आठ पीएचडी छात्र, 15 सीनियर रेसीडेंट (डीएम छात्र) और 15 उच्च दक्षता वाले प्रौद्योगिकीविद जो प्रयोगशालाओं का संचालन करते हैं।
विभाग ने अनेक पुस्तकों का प्रकाशन किया है जैसे रिसेंट एडवांसिस इन हिमेटोलॉजी 1 और 2, थैलिसेमिया केयर एण्ड कंट्रोल इन द न्यू मिलेनियम पर्सपेक्टिव इन थैलिसेमिया हिमेटोलॉजी एटलस तथा हिमेटोपैथोलॉजी मैनुअल.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :
डॉ. रेनू सक्सेना
प्रोफेसर और विभागध्यक्ष
ई-मेल: यह ईमेल पता spambots से संरक्षित किया जा रहा है. आप जावास्क्रिप्ट यह देखने के सक्षम होना चाहिए.
फोन : 011-26594670