परिचय
- Last Updated On :
परिचय
जैवचिकित्सा अभियांत्रिकी (इंजीनियरी) विभाग
यह विभाग/केंद्र वर्ष 1971 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली के संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापित किया गया था। केंद्र ने चिकित्सा और जैविक समस्याओं के समाधान के लिए इंजीनियरिंग सिद्धांतों को लागू किया है। इसमें आईआईटी दिल्ली के साथ-साथ एम्स, नई दिल्ली से भी संकाय सदस्य हैं। इसके अलावा, केंद्र की भारत में प्रमुख संस्थानों और अस्पतालों के साथ सहयोगी परियोजनाएं जारी हैं। इन वर्षों में केंद्र देश में प्रमुख केंद्र बन गया है।
सीबीएमई आईआईटीडी की विकास दर वैश्विक अनुसंधान एवं विकास के बराबर है। केंद्र ने स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए एक अंतःविषय आधार प्रदान किया है। पिछले दो दशकों में जैविक चिकित्सा, व्यवहार या आणविक स्वास्थ्य को शामिल करने और रोकथाम, निदान, उपचार, स्वस्थ्य देखभाल और चोट यांत्रिकी के लिए नवीन जैविक सामग्री, प्रत्यारोपण, उपकरण और सूचना विज्ञान दृष्टिकोण विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इंस्ट्रूमेंटेशन, ड्रग डिलीवरी, टिशू इंजीनियरिंग और बायोसेंसर में नवाचारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।