हृदय पक्ष केन्द्र के संस्थापक और प्रथम प्रमुख, प्रो. नागारूर गोपीनाथ का शोक पत्र
प्रो नागारूर गोपीनाथ
प्रो. नागारूर गोपीनाथ, जिन्होंने 1964 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग की स्थापना की,उनका बंगलौर में रविवार, 3 जून, 2007को निधन हो गया. उनकी उम्र 84 वर्ष थी।
उन्होंने 1964 मेंएम्स में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की और 1966 में सीटीवीएस में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जिसके बाद एम.सीएचडिग्री प्रदान की जाती है। उन्होंने एम्स के आधे संकाय सहित छात्रों की एक बड़ी संख्या को प्रशिक्षित किया गया है। उनके छात्र अब देश में अनेक विभागों का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री प्राप्त हुआ है।उन्हें2004 में वोकहार्ट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2000 में इंडियन एसोसिएशन ऑफ कार्डियोवास्कुलर सर्जन की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
1982 में उनकीसेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने प्रोफेसर एमेरिटस के रूप में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सेवा प्रदान करना जारी रखा और हृदय रोग की रोकथाम संबंधी पक्षों पर कई मोनोग्राफ और शोधपत्रों का योगदान दिया। उनके बाद परिवार में श्रीमती गोपीनाथ,एक बेटी और दो बेटे हैं। हृदय वक्ष विज्ञान केंद्र में निश्चित रूप से शून्य महसूस किया जाएगा जिसे भरना मुश्किल हो जाएगा।